रेवाड़ी में वर्ष 2011 में आठ स्थानों पर शुरू किये गए झुग्गी झोपड़ी स्कूल को कोरोना काल के बाद दोबारा शुरू किया गया है। सामजसेवी कैलाश चंद एडवोकेट ने बताया कि ये जिले में आठ जगहों पर 11 साल पहले शिक्षा केन्द्र चलाये गए थे जो कि वर्ष 2020 में कोविड महामारी में बन्द करने पड़े थे।
इन शिक्षा केंद्रों पर कैलाश चंद एड्वोकेट व उनके सहयोगी विजय लक्ष्मी, सीमा एड्वोकेट, ध्रुव कुमार, कमल कांत, वंदना, भगवानदास, द्वारा निशुल्क शिक्षा दी जाती है, अब उम्मीद है सायद ये शिक्षा केन्द्र लगातार जारी रखे जा सकेंगे।
कैलाश चंद ने कहा कि झुग्गी झोपड़ियो में रहने वालों के दर्द को सरकार नही समझती। ये परिवार मेहनत मजदूरी करते हैं तब बड़ी मुश्किल से दो वक्त की रोटी का प्रबंध कर पाते हैं। इन लोगो के पास पीने के पानी की भी किल्लत है।
कैलाश चंद एडवोकेट ने अधिकारियों से मिलकर इनके लिये सार्वजनिक पानी नल का प्रबंध करवाया था। परन्तु अब पिछले 3 वर्षों से सरकार ने वो नल भी बन्द कर दिए। अब ये लोग पैसे देकर पानी का टैंकर मंगवाते है तब कही प्यास बुझा पाते हैं इनके दर्द को सरकार को कोई परवाह नही।
जब भी इलेक्शन आते हैं बड़े बड़े राजनेता इनके दर्द के समाधान के लिये विस्वास दिलवाकर जाते हैं पर जैसे ही इलेक्शन चले जाते हैं इनकी उम्मीदों पर पानी फिर जाता है अब देखना होगा कि सरकार इनके दुख को कब सुनेगी।