आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री के डॉक्टरों की भारी कमी के चलते डॉक्टरों को पैदा कहां से करें के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा ये बहुत ही शर्मनाक है। इससे साफ है बीजेपी सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं।
लोगों को अस्पताल में मरने के लिए छोड़ दिया है। अगर पिछले दस सालों में कुछ किया होता तो डॉक्टरों के लिए अच्छा माहौल बनाया होता तो आज प्रदेश में डॉक्टरों की कमी नहीं होती।
उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में प्रदेश की जनता का स्वास्थ्य भगवान भरोसे चल रहा है। हरियाणा में स्थिति इतनी भयावह है कि 2035 लोगों पर एक डॉक्टर है। वहीं प्रदेश में साढ़े 28 हजार डॉक्टरों की जरूरत है। जबकि इसके आधे भी डॉक्टर रजिस्टर नहीं हैं। वहीं सरकारी अस्पतालों में करीब साढ़े चार हजार डॉक्टर ही कार्यरत हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में डॉक्टरों की कमी के साथ न पर्याप्त उपकरण है। सीएचसी, पीएचसी में भी कोई सुविधा नहीं मिल रही है। कई जगह इनके भवन जर्जर हालत में हैं। सरकार पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स के लिए जबरन बॉन्ड भरवा रही है।
किसी की मांग पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। प्रदेश में केवल एक दो सरकारी अस्पतालों को छोड़कर कहीं भी कैथ लैब और अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ केंद्र सरकार भारतीय न्याय संहिता के तहत तुगलकी फरमान लेकर आई है।
इसमें डॉक्टरों को सेक्शन 106(1) के तहत इलाज के दौरान मरीज की मृत्यु होने पर डॉक्टर को 5 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। जबकि भारत के गृहमंत्री ने चिकित्सकों को सेक्शन 106 से बाहर रखने की बात कही थी।
उन्होंने कहा कि उसका चिकित्सकों ने ऊपर विपरीत प्रभाव पड़ा है। इस कानून में तुरंत प्रभाव से संशोधन होना चाहिए। आम आदमी पार्टी दिल्ली और पंजाब में जनता को विश्वस्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं दे रही है।
हमने हर गली और मोहल्ले में क्लिनिक स्थापित करने का काम किया है। जहां मरीजों को मुफ्त टेस्ट और मुफ्त दवाइयां मिलती हैं। हरियाणा की जनता इस सरकार को बदलना चाहती है। आम आदमी पार्टी की सरकार ही जनता की हितैषी है।
जो बदलाव दिल्ली और पंजाब में किया है वो सबके सामने है। हरियाणा की जनता भी बदलाव चाहती है। आने वाले चुनावों में वोट की चोट से बीजेपी को सबक सिखाने का काम करेगी।