भारतीय किसान यूनियन सर छोटूराम ने बीते दिनों ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा जल्द से जल्द जारी करने की मांग की है। साथ ही कहा है कि सरकार पोर्टल-पोर्टल खेलना बंद करे।
यूनियन के प्रवक्ता बहादुर मेहला बलड़ी ने कहा कि पोर्टल व्यवस्था किसानों के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश है। पोर्टल के जरिए किसानों को लूटने का काम किया जाता है। पोर्टल पर फर्जी दस्तावेज दर्ज किए जाते हैं और किसानों को इसकी कानों कान खबर तक नहीं लगने दी जाती।
बहादुर मेहला ने कहा कि दो दिन पहले हुई ओलावृष्टि से इंद्री की अनाजमंडी व खेतों में खड़ी गेहूं की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई। इंद्री के साथ लगते नीलोखेड़ी के भी रकबा का नुकसान हुआ है। किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
सीमए नायब सिंह सैनी ने इस संबंध में पोर्टल खोलने की घोषणा की। यह खेद की बात है कि हर बार किसानों को पोर्टल पर पंजीकरण करने का फरमान जारी कर दिया जाता है। यह सरासर गलत है।
सरकार को तुरंत गिरदावरी करवा कर किसानों को मुआवजा जारी करना चाहिए। बहादुर मेहला ने कहा कि यूनियन मांग करती है कि कम से कम 75 हजार रुपए मुआवजा प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाए। सरकार ने आनाकानी की तो किसान सडक़ों पर आने पर मजबूर हो जाएंगे।