कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना के 4 वर्ष बाद 1961 में गणित विभाग की स्थापना हुई और अब इसकी स्थापना के 63 वर्ष पूरे हो गये हैं। विभाग की इस उल्लेखनीय यात्रा एवं उपलब्धियों पर उन्होंने बधाई दी।
पिछले 5 वर्षों में गणित विभाग ने अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और उच्च प्रभाव कारक जर्नल में 135 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए, कई सम्मेलन और अनुसंधान परियोजनाओं का आयोजन किया।
वे रविवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के आर. के. सदन में कुवि के गणित विभाग द्वारा आयोजित पूर्व छात्र मिलन कार्यक्रम ‘मिलन 2024’ के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। इस अवसर पर कुवि कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कार्यक्रम के आयोजकों को बधाई दी और कहा कि हमारा मजबूत ‘एल्यूमनी बेस’ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय एल्युमनी एसोसिएशन के माध्यम से अच्छी तरह स्थापित है।
अगस्त 2021 में इसके पंजीकृत होने के बाद 1 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि एकत्र हुई है । कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कई पूर्व छात्र विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति पद पर आसीन हैं अथवा रह चुके हैं, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता हैं। विगत वर्षों में विश्वविद्यालय के 6 एल्यूमनी ने पदम श्री पुरस्कार, 5 एल्यूमनी ने द्रोणाचार्य पुरस्कार, 15 एल्यूमनीने अर्जुन पुरस्कार और 1 एल्यूमनी ने ध्यानचंद पुरस्कार प्राप्त किया है।
यूनिवर्सिटी ने कोविड के दौरान पहली ‘पूर्व छात्र बैठक’ आयोजित की जिसमें 2000 से अधिक ऑफ़लाइन और 14000 से अधिक ऑनलाइन प्रतिभागी शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुवि कुलपति प्रोफेसर सचदेवा ने पूर्व विभागाध्यक्षों को सम्मानित किया।
गणित विभाग के पूर्व छात्र एवं वर्तमान में जे सी बोस यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कुलपति प्रोफेसर सुशील तोमर ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा कि पूर्व छात्रों का योगदान न केवल विभाग के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि वर्तमान छात्रों को प्रेरित करने और उन्हें विभाग के बारे में बेहतर जानकारी देने के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्रोफेसर तोमर ने कहा कि अधिकतर लोग जीवन में गणित की खोज करते हैं, लेकिन कुछ लोग ही गणित में जीवन खोज पाते हैं।
गणित विभाग के द्वितीय बैच के पूर्व छात्र और पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर लेख राज वरमानी ने गणित विभाग के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि 1961 में स्थापित गणित विभाग उस समय के सभी 5-6 विभागों में सर्वश्रेष्ठ था।
इसकी शुरुआत सिर्फ 4 शिक्षकों के साथ हुई थी और समय के साथ यह काफी बड़ा हो गया। मुझे यह देखकर खुशी होती है कि हमारा परिसर उत्तर भारत के सभी विश्वविद्यालयों में सर्वश्रेष्ठ है।
गणित विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अनिल वशिष्ठ ने सभी अतिथियों एवं पूर्व छात्रों का स्वागत करते हुए कहा कि विभाग द्वारा अपने एल्यूमनी आधार को विस्तृत करने व जोड़ने हेतु प्रथम पूर्व छात्र मिलन कार्यक्रम ‘मिलन रू 2024’ का आयोजन किया गया है ।
इस अवसर पर अमेरिका एवं भारत से 370 पूर्व छात्रों ने इस भव्य आयोजन में भाग लिया, जिसने उन्हें अपने विद्यार्थी जीवन के सुनहरी दिनों को याद दिलाने में सक्षम बनाया। विभाग के अनेक पूर्व छात्रों ने अपनी-अपनी सफलता और संस्थान में बिताये लम्हों को याद किया। कार्यक्रम में अमेरिका से आए पूर्व छात्र डॉ. परमजीत सिंह विर्क ने विभाग के छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए 5 लाख रुपये देने की घोषणा की।
विभाग के पूर्व छात्र इंडियन बैंक के एक्ज़ेक्यूटिव डायरेक्टर महेश बजाज ने कहा कि पूर्व छात्र मिलन जैसे कार्यक्रमों के आयोजन से हम पुरानी कड़ियों को फिर से जोड़ते हैं और नए संबंध भी बनाते हैं। उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर सभी पूर्व छात्रों और कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों को इंडियन बैंक के सौजन्य से स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।