आबकारी व कराधान विभाग द्वारा कर वसूली को लेकर वन टाइम सेटलमेंट योजना की शुरुआत की गई है।
पंजीकृत व्यापारी और उद्योगपति 30 मार्च तक योजना का लाभ उठा सकते हैं। सरकार द्वारा कर वसूली के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग ने शुरू की वन टाइम सेटलमेंट योजना की शुरुआत की है।
उन्होंने योजना की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि जीएसटी से पहले सात कर अधिनियमों से संबंधित मामलों को निपटाने के लिए यह योजना शुरू की गई है।
व्यापारियों व उद्योगपतियों के बकाया टैक्स से जुड़े मामलों को निपटाने के लिए विभाग द्वारा ओटीएस योजना के तहत छूट दी गई है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत जीएसटी से पहले सात कर अधिनियमों से सम्बन्धित मामलों को निपटाने के लिए चार श्रेणियों के तहत ब्याज में छूट दी गई है।
ये नामत: स्वीकृत कर, विवादित कर, निर्विवादित कर और अंतरीय कर हैं। उन्होंने बताया कि योजना में स्वीकृत कर के तहत 100 प्रतिशत टैक्स का भुगतान करने पर ब्याज पूरी तरह से माफ हो जाएगा।
इसी प्रकार से विवादित कर के तहत 50 लाख रुपए तक की कर राशि का 30 प्रतिशत व 50 लाख से ऊपर की राशि में 50 प्रतिशत कर का भुगतान करने पर ब्याज व दण्ड राशि शून्य हो जाएगा।
निर्विवादित कर श्रेणी के तहत 50 लाख रुपए से कम या बराबर के मामले में मूल कर का 40 प्रतिशत व अन्य सभी मामलों में 60 प्रतिशत जमा करवाने पर ब्याज राशि शून्य हो जाएगी। अंतरीय कर के तहत 30 प्रतिशत टैक्स राशि जमा करने पर ब्याज राशि शून्य हो जाएगी।
ऑनलाइन पोर्टल हरियाणाटैक्सडॉटजीओवीडॉटइन पर टैक्स दाता 30 मार्च तक लाभ उठा सकते हैं। इस योजना के तहत व्यापारी और उद्योगपति 30 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन कर इसका लाभ उठा सकते हैं।
इसके अलावा विभाग द्वारा एक ओटीएस हेल्प डेस्क की भी स्थापना की गई है, जिस पर व्यापारी व उद्योगपति वन टाइम सेटलमेंट योजना की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।