दिनांक 13 फरवरी 2024 से किसान संगठनो द्वारा किसानों द्वारा दिल्ली कूच को लेकर शम्भू बार्डर पर लगे बैरिकेडस को तोडने के लगातार प्रयास किये जा रहे है व पुलिस प्रशासन पर पत्थर बाजी व हुडदंग बाजी करके कानून व्यवस्था बिगाडने की प्रतिदिन कौशिश की जा रही है।
इस दौरान उपद्रवीयो द्वारा सरकारी व प्राईवेट सम्पति को काफी नुकसान पंहुचाया जा चुका है। आन्दोलनकारियो द्वारा सरकारी व प्राईवेट सम्पति को किये गये नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
प्रशासन द्वारा पहले ही इस सम्बन्ध में आमजन को सुचित/सर्तक किया गया था कि इस आन्दोलन के दौरान आन्दोलनकारियो द्वारा सरकारी व प्राईवेट सम्पति को नुकसान पंहुचाया गया तो इस नुकसान की भरपाई उनकी सम्पति व बैंक खातो को सीज करके की जाएगी।
आन्दोलन के दौरान आन्दोलनकारियों के द्वारा अगर सार्वजनिक सम्पति को नुकसान पहुंचाया जाता है तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार लोक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम 1984(पीडीपीपी एक्ट 1984) में संसोधन है।
जिसमें आन्दोलन के दौरान आन्दोलनकारियों के द्वारा सार्वजनिक सम्पति को नुकसान पहुचानें व आन्दोलन का आहवान करने वाले लोगों और उस संगठन के पदाधिकारियों को किसी भी नुकसान के लिये जिम्मेदार माना जाता है ।
इसी प्रकार हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपत्ति क्षति वसूली अधिनियम 2021 के अनुसार सरकारी सम्पति को नुकसान पहुचानें की स्थिति में नुकसान पहुचानें वालों की सम्पति कुर्की और बैंक खातों को सीज करके सरकारी सम्पति के नुकसान की भरपाई का प्रावधान है ।
इसी सम्बन्ध में आन्दोलनकारियों व संगठन के पदाधिकारियों के विरूद प्रशासन द्वारा कार्यवाही अमल में लाई जा रही हैं। इस आन्दोलन के दौरान किसी भी आमजन की सम्पति का नुकसान हुआ है तो नुकसान का ब्यौरा प्रशासन को दे सकता है।