हरियाणा में करनाल के कंबोपुरा के पूर्व सरपंच करम सिंह की आत्महत्या के मामले में CBI कोर्ट से बरी हुए पूर्व विधायक जिले राम शर्मा का राजनीति करियर दांव पर लग चुका था, वे ढंग से कुछ भी नहीं कर पा रहे थे, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें बड़ी राहत मिली है।
केस में राहत मिलने के बाद अब जिले राम शर्मा ने ऐलान किया है। अगर किसी पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह असंध से आजाद प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगे।
अब वे अपने राजनीतिक करियर पर और ध्यान देंगे और राजनीति में अपनी सक्रिय भूमिका अदा करेंगे।
14 साल तक CBI कोर्ट में केस चला है ऐसे में जिले राम शर्मा के सामने किस तरह की चुनौतियां आई, उन्हें कितने समय के लिए जेल में रहना पड़ा और राजनीतिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ा, इस सभी सवालों को लेकर दैनिक भास्कर डिजिटल की टीम ने जिले राम शर्मा से बातचीत की।
पूर्व विधायक जिले राम शर्मा ने पूर्व सरपंच आत्महत्या मामले को राजनीति से प्रेरित झूठा केस बताया। उन्होंने कहा कि इस झूठे केस में मेरा पूरा परिवार दुखी हो चुका था।
उधर CBI ने भी टॉचर्र किया और करीब 9 महीने तक मैं जेल में भी रहकर आया। इस मामले में जमानत भी लगाई गई थी। 12 साल और सात महीने FIR को दर्ज हुए हो गए।
केस से राजनीतिक करियर पर असर के सवाल पर शर्मा ने कहा कि इस केस से मेरे राजनीतिक जीवन पर बड़ा असर पड़ा। क्योंकि जनता ने दो बार मुझे आजाद चुनाव भी लड़ाया।
अगर मेरे ऊपर यह केस नहीं होता तो मुझे असंध विधानसभा का टिकट भी कांग्रेस पार्टी की तरफ से मिलता।
पिछले चुनावों यानी 2014 में चार हजार वोटों से हार गया और 2019 में दूसरी बार भी उन्होंने आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था इस बार ढाई हजार वोटों से रह गया।