दुनिया में हर वर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। महिलाएं समाज का अभिन्न अंग हैं और वह न सिर्फ घर बल्कि बाहर भी अपनी मौजूदगी से सब बेहतर बना देती हैं।
आज समाज को जरूरत है कि वह उनके साथ होने वाले हर भेदभाव को दूर करे और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे। महिलाओं के बिना राष्ट्र और समाज का निर्माण नहीं हो सकता है। महिलाएं आज घर परिवार संभालने के साथ ही देश को भी संभाल रही हैं। हर क्षेत्र में महिलाओं का दबदबा है।
राजनीति हो या फिर मनोरंजन जगत, खेल हो या रक्षा मंत्रालय हर क्षेत्र में महिलाओं का परचम है। महिलाओं की इसी उपलब्धि, उनकी उपयोगिता और उनके कार्य को सम्मान देने के लिए हर साल 8 मार्च को विश्व महिला दिवस मनाया जाता है।
दुनियाभर में महिलाओं के लिए यह दिन खास तरीके से मनाते हैं, जिसमें लोग महिलाओं के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। सम्मान के साथ ही उनके अधिकारों को लेकर जागरूकता अभियान भी चलाते हैं।
आप भी इस दिन अपने जीवन की हर उस महिला को शुक्रिया कह सकते हैं जिसके बिना आपका जीवन अधूरा है। अंत में पढें मशहूर लेखक अमृता प्रीतम की एक शायरी-
हर दुख दर्द सहकर वो मुस्कुराती है,
पत्थर की दीवारों को औरह ही घर बनाती है.
सभ्यता का युग तब आएगा
जब औरत की मर्ज़ी के बिना
कोई औरत को हाथ नहीं लगाएगा.