हरियाणा के विश्वविद्यालयों, सरकारी कॉलेजों, सरकारी सहायता प्राप्त और स्व-वित्त पोषित कॉलेजों में ‘योग ब्रेक’ अब जरूरी हो गया है।
इसको लेकर उच्च शिक्षा निदेशक ने ऑर्डर भी जारी कर दिए हैं। उच्च शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा द्वारा जारी ऑर्डर में वर्क प्लेस ईकोसिस्टम और प्रोडक्टिविटी में सुधार के लिए योग ब्रेक को सख्ती से लागू करने की हिदायत दी है।
वहीं, अब हरियाणा सरकार कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी में सुधार के लिए राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों में ‘योग ब्रेक’ लागू करने के लिए तैयारी कर रही है।
राज्य के आयुष मंत्री अनिल विज ने कहा है कि नए प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन से कर्मचारियों की दक्षता में सुधार करने में काफी मदद मिलेगी।
स्टूडेंट्स के साथ टीचर्स और अन्य कर्मचारियों को योग ब्रेक के दौरान कुछ विशेष क्रियाएं कराई जाएंगी।
इसमें वही योगासन शामिल किए गए हैं, जो कार्यस्थल पर 5-10 मिनट में आसानी से पूरे किए जा सकें। इनमें कुछ क्रियाएं कुर्सी पर बैठे-बैठे भी हो सकेंगी तो कुछ वहीं खड़े होकर की जा सकेंगी।
योग ब्रेक के पीछे मकसद है कि टीचर्स और कर्मचारियों पर काम का प्रेशर न बन और वे स्ट्रेस फ्री रहकर अपने काम पर ध्यान दे पाएं।