एसवाईएल के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजाब सरकार को फटकार लगाए जाने के बाद हरियाणा भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने भी पंजाब सरकार से जल्द से जल्द एसवाईएल का निर्माण करवाकर हरियाणा को पानी देने की मांग की है।
भाजपा हरियाणा के प्रदेश मीडिया एवं सोशल मीडिया प्रमुख डा. संजय शर्मा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य है, अब पंजाब सरकार को बहानेबाजी छोड़कर माननीय सर्वोच्च अदालत के फैसले का सम्मान करते हुए पानी के चैनल का निर्माण शीघ्र शुरू कर देना चाहिए।
डा. संजय शर्मा ने कहा कि पानी की मात्रा के घटने -बढ़ने के हिसाब से बीच-बीच में माप की जा सकती है। छह दशकों के संघर्ष के बाद शांतिपूर्ण तरीक़े से हरियाणा को उसका हक मिलना चाहिए। पंजाब और दिल्ली दोनों राज्यों में आम आदमी पार्टी की सरकार है, इसलिए अब इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अदालत का आदेश मानते हुए मान सरकार जल्द से जल्द नहर बनाने की प्रक्रिया को लेकर सर्वे शुरू करवाएं और केंद्र सरकार के सर्वे करने की प्रक्रिया में मदद करें, जिससे हरियाणा को उसके हक का पानी मिल सके।
आम आदमी पार्टी के एसवाईएल पर दोहरे रवैये की आलोचना करते हुए डा. संजय शर्मा ने कहा कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल हरियाणा में तो बोलते हैं कि एसवाईएल का पानी मिलना चाहिए, पर पंजाब सरकार को हरियाणा का पानी देने से इंकार करते हैं। उन्होंनें कहा कि आम आदमी पार्टी के पंजाब के मुख्यमंत्री अब खुद का स्टैंड लेते हुए सुप्रीम कोर्ट का आदर करें और जल्द से जल्द एसवाईएल का पानी हरियाणा को देने के लिए इस नहर का निर्माण करवाएं।
डा. संजय शर्मा़ ने कहा कि पानी का मुद्दा ऐसा है जिस पर किसी भी राज्य को जिद नहीं करनी चाहिए। एसवाईएल का मुद्दा भी पंजाब और हरियाणा का आपसी मसला है, जिसे अब तक पंजाब सरकार को सुलझा लेना चाहिए था। लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार इस मामले में दोहरा मापदंड अपनाती आ रही है।
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रमुख ने कहा कि भाखड़ा नहर 60 साल पुरानी हो चुकी है, अगर किसी दिन कोई गड़बड़ हो गई तो दोनों राज्यों के सामने पानी का संकट खड़ा हो जाएगा। हरियाणा को प्रतिदिन 2 हजार क्यूसेस पानी की जरूरत होती है और दिल्ली को भी 1050 क्यूसेस पानी प्रतिदिन चाहिए।
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले दिनों अपने आदेशों में कहा था कि पानी कम हो या ज्यादा उसका बंटवारा जितना जल्द हो सके कर लेना चाहिए, लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविन्द केजरीवाल ने अल्टरनेट चैनल के लिए मना कर दिया था।