नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलाइंस (निसा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. कुलभूषण शर्मा ने कहा कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड राज्य के दूसरे बोर्डों से जुड़े प्राइवेट स्कूलों में आठवीं की वार्षिक परीक्षा लेने का दबाव बना रहा है, जोकि सरासर गलत है।
प्रदेश के प्राइवेट स्कूल एससीईआरटी द्वारा बोर्ड को आठवीं की परीक्षा लेने के लिए मान्यता देने के एकतरफा फैसले का विरोध कर रहे हैं। क्योंकि सरकार ने प्राइमरी कक्षाओं की परीक्षा के लिए जिस (एससीईआरटी) शैक्षिक संस्था को जिम्मेदारी सौंपी है, वह इतनी कमजोर कैसे हो सकती है कि अपने स्तर पर परीक्षा का आयोजन नहीं करवा सकती।
सरकार का यह कदम बच्चों को शिक्षा की गुणवत्ता को गिराने वाला है। सरकार मात्र पैसा कमाने के लिए बच्चों के भविष्य और शिक्षा की गुणवत्ता से खिलवाड़ कर रही है। सरकार और बोर्ड की निगाह प्राइवेट स्कूलों में आठवीं की परीक्षा आयोजित करवाकर करीब 40 करोड़ का राजस्व इकट्ठा करने में लगी हुई है। यह फैसला भी एेसे समय में लिया जा रहा है, जब प्राइवेट स्कूल और बच्चे कोरोना की तीसरी लहर के दौर से गुजर रहे हैं और बच्चे परीक्षा देने के लिए पूरी तरह से तैयार भी नहीं हैं।