November 22, 2024

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री भारत सरकार साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 18 कामगारों को शामिल किया गया है।

उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा जयंती के अवसर पर आयोजित पीएम विश्वकर्मा योजना का शुभारम्भ होने से नये भारत में विश्वकर्मा के हुनर को सम्मान मिला है। उन्होने कहा कि इस योजना के शुरू होने के बाद अब हम आयातकर्ता से निर्यातकर्ता बनेंगे।  राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति रविवार को एसडी कालेज अम्बाला छावनी में आयोजित प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के शुभारम्भ के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि यहां पहुंची थी और यह अभिव्यक्ति उन्होंने अपने सम्बोधन में कही।

मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम का शुभारम्भ दीपशिखा प्रज्वलित करके किया। इस मौके पर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली से वर्चुअल प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का शुभारम्भ करते हुए देशवासियों को अपना शुभ संदेश भी दिया। जिसे यहां कार्यक्रम में मौजूद सभी लोगों ने सुना और देखा।

उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री भारत सरकार साध्वी निरंजन ज्योति ने इस मौके पर उपस्थित लोगों को विश्वकर्मा जयंती व देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन देश को नई दिशा व दशा देने वाला दिन है। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के शुभारम्भ से इस योजना में शामिल होने वाले 18 श्रेणियों के कामगारों से देश आगे बढेगा।

देश के नवनिर्माण में शिल्पकारों का अहम योगदान है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में वर्ष 2014 के बाद देश के जिस व्यक्ति के अंदर हुनर व कौशल है उसे प्रशिक्षित करके आत्मनिर्भर बनाते हुए स्वरोजगार के लिए उसे प्रेरित किया गया है। इसी कड़ी में आज प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का शुभारम्भ हुआ है।

इस योजना के तहत 18 पारम्परिक कारोबार में लगे कारीगरों को शामिल किया गया है जिसमें बढई, नाव निर्माता, शस्त्र निर्माता, ब्लैक स्मिथ (लोहार), हथोडा और औजार निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, बारबर, गुडिया व खिलौने बनाने वाला, मूर्तिकार (मूर्तिकार, संगतराश) पत्थर तोडने वाला, मत्स्य जाल निर्माता, टोकरी/चटाई/झाडू बनाने वाले/रस्सी तैयार करने वाले, मोची (चर्मकार)/ जुत्ता बनाने वाला/फुटवेयर कारीगर, धोबी, राजमिस्त्री, माला बनाने वाला (मालाकार) व टेलर शामिल हैं।

उन्होने यह भी कहा कि इस योजना के तहत देश के 30 लाख कारीगरों को इसमें सम्मलित किया जायेगा और इस योजना के तहत 13 हजार करोड़ का प्रावधान भी किया गया है। इस योजना के तहत यह लाभ एक परिवार के एक सदस्य तक सीमित होगा और परिवार की परिभाषा में पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे शामिल हैं।

योजना के तहत एक लाख रूपये का ऋण बिना गारंटी के उपलब्ध करवाया जायेगा और एक वर्ष में 12 महीने के अंदर ऋण की अदायगी समय अवधि के तहत की जाती है तो 2 लाख रूपये तक का ऋण और उपलब्ध करवाने का प्रावधान है और यह ऋण 30 महीने की समय अवधि के तहत वापिस करना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *