November 1, 2024
 महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से तैयार की गई हरियाणा राज्य क्रेच पॉलिसी को अधिसूचित कर दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा कामकाजी महिलाओं को ध्यान में रखते हुए यह पॉलिसी बनाई गई है। 6 महीने से 6 साल तक के बच्चे को क्रेच में एडमिशन दिया जाएगा और 8 से 10 घंटे तक बच्चे को रखने के अनुकूल क्रेच स्थापित होंगी।
कामकाजी महिलाओं के ऑफिस की क्रेच से अधिकतम दूरी 500 मीटर निर्धारित की गई है। क्रेच के लिए जिस परिवार की वार्षिक आय एक लाख रुपए से कम है उन्हें प्रत्येक बच्चे के लिए 50 रुपए शुल्क देना होगा। एक लाख से 1.80 लाख पर 100 रुपए 1.80 लाख से तीन लाख पर 250 रुपए, तीन लाख से 5 पांच वार्षिक आय पर 350 रुपए, पांच लाख से अधिक पर 500 रुपए हर महीने देने होंगे।
50 से अधिक कर्मचारियों वाले सभी संस्थानों को क्रेच खोलना अनिवार्य
महिला एवं बाल विकास विभाग के अनुसार 50 से अधिक कर्मचारियों वाले सभी संस्थानों को क्रेच खोलना अनिवार्य होगा। क्रेच में बच्चों के खेलने के सामान और खिलौने के साथ ही पौष्टिक भोजन, नियमित स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण, सोने की व्यवस्था, शिक्षा तथा शारीरिक व सामाजिक-भावनात्मक विकास के लिए तमाम इंतजाम होंगे।
उन्होंने बताया कि पुराने क्रेच को नई पॉलिसी के तहत अपग्रेड किया जाएगा। क्रेच महीने में 26 दिन खुले रहेंगे। बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर पेरेंट्स और स्टाफ के आईडीकार्ड भी बनाए जाएंगे। क्रेच में किसी भी बच्चे को अकेला नहीं रहने दिया जाएगा। हर वक्त वर्कर और सहायिका की बच्चों पर नजर रहेगी।
क्रेच में बच्चे को सुबह का नाश्ता, लंच और शाम को स्नैक्स भी दिया जाएगा जिसका सारा खर्च सरकार की ओर से वहन होगा। सफाई और स्वच्छता के लिए हर महीने एक हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। क्रेच में बच्चों के सोने और फीडिंग रूम की भी व्यवस्था होगी।

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