November 25, 2024

इसरो आज रात 2 बजे चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर को डीबूस्टिंग के जरिए चंद्रमा के और करीब लाएगा। डीबूस्टिंग यानी स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार को धीमी करना।

इस ऑपरेशन के बाद लैंडर की चंद्रमा से न्यूनतम दूरी 30 किमी और अधिकतम दूरी 100 किलोमीटर रह जाने की उम्मीद है।

सबसे कम दूरी से ही 23 अगस्त को शाम 5:47 बजे सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास किया जाएगा। 23 अगस्त को लैंडिंग में समस्या आती है तो एक महीने बाद फिर प्रयास होगा।

क्योंकि चंद्रयान-3 को अगली सुबह का इंतजार करना होगा, जो वहां 28 दिन बाद होगी।

अभी विक्रम लैंडर की चंद्रमा से सबसे कम दूरी 113 Km और सबसे ज्यादा दूरी 157 Km है। इसरो ने 18 अगस्त को डीबूस्टिंग के जरिए लैंडर की ऑर्बिट घटाई थी।

डीबूस्टिंग में यान के चलने की दिशा के अपोजिट डायरेक्शन में थ्रस्टर फायर किए जाते हैं।

इससे पहले 17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर-रोवर से अलग किया गया था। सेपरेशन के बाद लैंडर ने प्रोपल्शन मॉड्यूल से कहा- ‘थैक्स फॉर द राइड मेट।’

इस दौरान लैंडर पर लगे कैमरे ने प्रोपल्शन मॉड्यूल की फोटो के साथ चंद्रमा की भी तस्वीरें खींचीं।

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