यमुना के कहर से हरियाणा में बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है। 4.18 लाख एकड़ रकबे में जलभराव हुआ है। कई गांव हरियाणा से कट गए हैं।
इससे निपटने के लिए सिंचाई विभाग छह माह पहले प्रोटेक्शन प्लान बनाएगा।
हरियाणा के सीएम के सलाहकार सिंचाई देवेंद्र सिंह ने बताया कि यमुना के साथ लगते इलाकों में फिलहाल जलभराव की स्थिति है, धीरे-धीरे पानी कम हो रहा है।
सिंचाई विभाग ने अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि उन वीक प्वाइंट की अभी से पहचान कर ली जाए, जहां से यमुना का पानी गांवों की ओर निकलकर कहर बरपाता है।
ताकि इन प्वाइंटस पर पहले से कार्य आरंभ करा दिए जाएं। यही नहीं एक्सपर्ट की राय लेकर यहां पर नए सिरे से योजना बनाई जाएगी। इसके लिए दिसंबर-2023 में बैठक होगी और बजट भी तय किया जाएगा।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का कहना है कि सिंचाई विभाग ने अब यमुना के कहर से बचने के लिए स्थाई समाधान की रणनीति बनाने की योजना बनाने का निर्णय लिया है।
इसके लिए किसानों की सहमति लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। यमुना के साथ लगते जिन इलाकों में पैचवर्क नहीं हुआ है। वहां कंकरीट के साथ कटों को बंद किया जाएगा।
बागवानी विभाग के डीजी डॉ. अर्जुन सिंह सैनी का कहना है कि जलभराव कम होने के बाद यमुना और इसके किनारे जिनी भी सब्जियां खराब हुई हैं, उनका आंकलन कराया जाएगा।
इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दे दिए गए हैं। याद रहे कि यमुना में बाढ़ की वजह से यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद, पलवल सहित अन्य इलाकों में नुकसान हुआ है।