2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। पुराने समय में मोटे अनाज को ही भोजन में प्रयोग करते थे। जिससे हमारा स्वास्थ्य सही रहता था।
वर्तमान में मोटे अनाज का प्रयोग कम कर दिया है। इसी प्रकार मौसम के अनुरूप भी लोग अनाज का प्रयोग नहीं करते, जिससे हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होती जा रही है।
मोटे अनाज को भोजन के रूप में प्रयोग करने से शरीर को पूरी मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन व खनिज मिलते हैं। इससे शरीर स्वस्थ बना रहता है। उन्होंने कहा कि मोटा अनाज एक तरह से बूस्टर डोज का काम करता है।
मोटे अनाज में कैल्शियम, आयरन, जिंक, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फाइबर, विटामिन-बी-6, 3, कैरोटीन, लेसिथिन आदि तत्व होते हैं। मोटा अनाज डायबिटीज को रोकने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों के अनुसार मोटा अनाज अस्थमा रोग में लाभदायक है।
बाजरा खाने से श्वास से संबंधित सभी रोग दूर होते हैं। इसके अलावा यह थायराइड, यूरिक एसिड, किडनी, लिवर, लिपिड रोग और अग्नाशय से संबंधित रोगों में लाभदायक है। उपायुक्त ने नागरिकों का आह्वान किया है कि स्वस्थ रहने के लिए अपने भोजन में मोटा अनाज के प्रयोग को बढ़ाएं।