आजादी अमृत काल में सरकार की ओर से जुलाई माह एंटी डेंगू माह के रूप में मनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस माह के दौरान जिले के विद्यालयों सहित विभिन्न जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर आमजन को डेंगू से बचाव बारे सचेत व जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि डेंगू से बचाव लिए सतर्कता व जागरूकता बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि डेंगू की रोकथाम एवं गतिविधि में जन समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
इस दौरान मच्छर प्रजनन स्थलों को चिह्नित कर तथा मच्छर प्रजनन रोकने के उपाय के बारे में आम जनता को जागरूक किया जाएगा। पानी की टंकी तथा घरों के अंदर साफ पानी जमा करने के बर्तनों को ढक कर रखने, दिन में मच्छरों के काटने से बचाव को लेकर व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय को अपनाने, विद्यालय में डेंगू पर आधारित कुछ विशेष गतिविधि जैसे क्विज, ड्रॉइंग कंपटीशन इत्यादि गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
डेंगू के लक्षण एवं बचाव के उपाय-
डीसी राहुल हुड्डा ने बताया कि डेंगू एडीज मच्छर के काटने से होता है, जिससे बचाव जरूरी है। उन्होंने बताया कि यह मच्छर दिन में काटता और स्थिर एवं साफ पानी में पनपता है। तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाएं।
त्वचा पर लाल धब्बे या चकत्ते का निशान, नाक- मसूड़ों से या उल्टी के साथ रक्त स्राव होना और काला पखाना होना डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं।
उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति दोबारा डेंगू बुखार की आशंका होने पर सरकारी अस्पताल या फिर डॉक्टर से संपर्क करें।
उन्होंने बताया कि सभी तरह का बुखार डेंगू नहीं होता है। बुखार होने पर बिना समय गंवाए डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर जांच के बाद जैसा परामर्श दें उसके अनुसार अपना इलाज करवाएं। डेंगू होने की स्थिति में सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।