October 22, 2024

चंडीगढ़/समृद्धि पराशर: हरियाणा सरकार नगरपालिका के ठोस कचरे के अलावा बायोमेडिकल जैसे खतरनाक कचरे की वैज्ञानिक हैंडलिंग और निपटान सुनिश्चित करने और एकल-उपयोग प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।

यह जानकारी आज हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने गुरुग्राम में हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान में जिला पर्यावरण योजनाओं के कार्यान्वयन पर आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान दी।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने किया। इस अवसर पर सीएक्यूएम की अध्यक्ष डॉ. एमएम कुट्टी, हरियाणा की पूर्व मुख्य सचिव उर्वशी गुलाटी, पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, एचएसपीसीबी के अध्यक्ष पी. राघवेंद्र राव और हिपा की महानिदेशक चंद्रलेखा मुखर्जी सहित कई प्रतिष्ठित हस्तियां उपस्थित थीं।

संजीव कौशल ने कहा कि एनजीटी के निर्देशों के अनुसार प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी उपायुक्तों को जिला स्तर की पर्यावरण योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, वायु गुणवत्ता, औद्योगिक अपशिष्ट जल उपचार, जल गुणवत्ता, खनन गतिविधि और ध्वनि प्रदूषण जैसे विभिन्न विषयगत क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इन सभी योजनाओं को पर्यावरण विभाग की वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ये व्यापक योजनाएं पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने और पर्यावरणीय मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी, जिससे राज्य में सतत विकास और प्रगति में योगदान मिलेगा।

उन्होंने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों से एकत्रित पर्यावरण क्षतिपूर्ति निधि का कुशल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया है जो जिला की पर्यावरण योजनाओं में उल्लिखित पर्यावरण सुधरने के लिए आयोजित गतिविधियों को पूरा करेगी।

संजीव कौशल ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित सभी उपायुक्तों और वरिष्ठ जिला-स्तरीय अधिकारियों को प्रोत्साहित किया और जिला पर्यावरण योजना में पहचानी गई गतिविधियों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए निर्देश दिए।

इसके अलावा, कौशल ने सभी उपायुक्तों से अपनी बेहतरीन पहलों को साझा करने का आग्रह किया।

कौशल ने आगे कहा कि हरियाणा सरकार पर्यावरण की रक्षा और सतत विकास सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर कायम है। उन्होंने कहा कि जिला पर्यावरण योजनाओं को लागू करके और सहयोगात्मक रूप से काम करके हम अपने राज्य के लिए एक स्वच्छ, हरा-भरा और स्वस्थ भविष्य बना सकते हैं।

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