हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा और जजपा इन दिनों प्रेशर पॉलिटिक्स में जुटी हुई है। गठबंधन तोड़ने की चर्चाएं और फिर विराम लगना इसी का हिस्सा है। दोनों ही दल एक दूसरे पर हावी होने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रदेश में प्रेशर पॉलिटिक्स की शुरुआत भाजपा- जजपा गठबंधन को लेकर हरियाणा BJP प्रभारी बिप्लब देव ने निर्दलीय विधायकों से मुलाकात करके की।
जबकि निर्दलीय विधायकों ने गठबंधन तोड़ने की बयानबाजी कर इसे हवा दी।
हाईकमान का इस पर चुप्पी साधना और सीएम मनोहर लाल का गठबंधन पांच साल तक चलना एक सोची समझी रणनीति के तहत ही चल रहा है।
प्रदेश में गठबंधन टूटने की चर्चाओं के बीच ही JJP ने दिल्ली में लोकसभा चुनावों की तैयारियों को लेकर अपना संगठन खड़ा कर दिया। हालांकि JJP का हरियाणा के बाहर कहीं कोई वजूद नहीं है।
राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव हैं, इसलिए JJP वहां पर भी अपना संगठन खड़ा कर चुकी है।
हालांकि ये चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन में लड़े जाएंगे, ऐसी कोई संभावनाएं दिखाई नहीं देती। लेकिन यह प्रेशर पॉलिटिक्स का एक हिस्सा है।