चंडीगढ़/समृद्धि पराशर: शिवालिक पर्वत श्रृंखलाओं में बसे पंचकूला जिले के मोरनी क्षेत्र के किसानों को बेहतर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए हरियाणा सरकार ने मोरनी क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई की एक बड़ी परियोजना लगाने का निर्णय लिया है। लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से क्रियान्वित होने वाली इस परियोजना से लगभग 1280 एकड़ क्षेत्र को सिंचाई का लाभ होगा।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हुई उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (एचपीपीसी) की बैठक में इस महत्त्वपूर्ण परियोजना को मंजूरी प्रदान की गई। इसके अलावा, बैठक में लगभग 87 करोड़ रुपये से अधिक की खरीद व कॉन्ट्रेक्ट को मंजूरी दी गई।
बैठक में सिंचाई, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और मिकाडा के कुल 4 एजेंडा रखे गए थे और सभी एजेंडे को मंजूरी दी गई। आज विभिन्न कंपनियों से नेगोशिएशन के बाद दरें तय करके लगभग 1 करोड़ 41 लाख रुपये की बचत की गई है।
मोरनी पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद अन्य जगहों पर भी लगाएंगे सूक्ष्म सिंचाई प्रोजेक्ट
मुख्यमंत्री ने कहा कि मोरनी खण्ड में टपरिया, कंडियावाला, कैंबवाला, खैरवाली परवाला और लश्करीवाला गांवों के लिए सौर ऊर्जा संचालित एकीकृत सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के क्रियान्वयन से न केवल सिंचाई की सुविधा मिलेगी बल्कि इस क्षेत्र में उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी। इस पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद प्रदेश में अन्य स्थानों पर भी ऐसे प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे।
बैठक में बताया गया कि एकीकृत सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के तहत इंफिल्ट्रेशन गैलरी बनाई जाएगी, जिससे साफ पानी को आगे भेजा जाएगा। पाइपलाइन तथा कुहल के माध्यम से पानी को स्टोरेज टैंक तक पहुंचाया जाएगा। जहां सूक्ष्म सिंचाई के लिए ड्रिप इरिगेशन प्रणाली स्थापित की जाएगी।
20.80 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा इंदौरी नदी का पुर्नउद्धार
बैठक में गुरुग्राम जिला में गांव बास पदमका से सिवारी तक इंदौरी नदी का पुर्नउद्धार की परियोजना को भी मंजूरी दी गई। इस पर लगभग 20 करोड़ 80 लाख रुपये की लागत आएगी। इसके अलावा, सिंचाई विभाग की लगभग 10 करोड़ रुपये से अधिक की एक ओर परियोजना को मंजूरी दी गई। इसके तहत, लाखन माजरा लिंक ड्रेन पर वीआर पुलों का पुन: निर्माण किया जाएगा।
बैठक में आदमपुर में 2 इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन बनाने के साथ ही सीवरेज नेटवर्क सिस्टम स्थापित करने के प्रोजेक्ट को भी मंजूरी प्रदान की गई। इस पर लगभग साढ़े 34 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
बैठक में वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) देवेंद्र सिंह, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के आयुक्त एवं सचिव पंकज अग्रवाल और आपूर्ति एवं निपटान विभाग के महानिदेशक मोहम्मद शाइन सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।