चण्डीगढ/समृद्धि पराशर: हरियाणा उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने कहा कि एनईपी को पूरी तरह से लागू करने की हम सभी की सामूहिक जिम्मेवारी है। जब उच्च शिक्षा प्रणाली बडे़ बदलाव की ओर बढ़ रही है तो हमारी भी महत्वपूर्ण भागीदारी है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम हाल में हरियाणा उच्चतर शिक्षा निदेशालय के तत्वावधान में कॉलेजों/संस्थानों के यूजी प्रोग्राम्स में एनईपी के क्रियान्वयन हेतु आयोजित कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति हर संस्थान, यूनिवर्सिटी, शिक्षक, विद्यार्थी को सृजनात्मकता, नवाचार को प्रदर्शित करने का सुअवसर प्रदान करती है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन हेतु तैयार विस्तृत दिशा-निर्देशों की विवरणिका का विमोचन भी किया गया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लांच किया गया हैं जिसका लक्ष्य 2030 तक एनईपी को पूरे देश में लागू करना था। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 2025 तक शिक्षा नीति को पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया तथा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने प्रदेश में सबसे पहले विश्वविद्यालय परिसर के यूजी प्रोग्राम्स में सत्र 2022-23 में इसे लागू किया। उन्होंने सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि कॉलेज एनईपी को लागू करने के लिए कुछ न कुछ स्मार्ट तरीका विकसित करें इसके लिए अपने यहां स्मार्ट क्लास रूम बनाएं। यदि फैकल्टी की कमी है तो कुछ समय के लिए प्री रिकॉर्डेड लेक्चर द्वारा यह कमी पूरी कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भारत को शिक्षा के क्षेत्र में महाशक्ति बनने, शैक्षिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने, शिक्षा के साथ कौशल विकास करने की भावना निहित है।