अंतरजातीय विवाह शगुन योजना के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि अब केवल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ही देगा। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स 1955 और अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के अंतर्गत अंतरजातीय विवाह चलाई जा रही है।
इस स्कीम में लाभपात्र दंपत्ति को 2.50 लाख रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि दिल्ली आरके पुरम स्थित डा. अंबेडकर फाउंडेशन और सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग प्रदान कर रहा था।
अब सरकार ने निर्णय लिया है कि केवल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से ही अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। डा. अंबेडकर फाउंडेशन ने इस स्कीम को विभाग की योजनाओं के साथ विलय कर दिया है। यह फैसला एक अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा।
उन्होंने बताया कि एक दंपत्ति योजना का लाभ केवल एक बार ही ले सकती है। जब कि कुछ लोग राज्य में समाज कल्याण विभाग से और डा. अंबेडकर फाउंडेशन दोनों से राशि ले लिया करते थे। जिसको अब बंद कर दिया गया है।
डा. अंबेडकर फाउंडेशन सामाजिक मंत्रालय की इस स्कीम का संचालन नहीं करेगा। इस योजना में विवाह करने वाला एक पात्र अनुसूचित वर्ग से और दूसरा सामान्य या पिछड़े वर्ग से होना जरूरी है।