घामड़ौज टोल को हटाने का मुद्दा एक बार फिर गरमाने लगा है। टोल के विरोध में मंगलवार को ग्रामीणों ने घामड़ौज टोल से जिला उपायुक्त कार्यालय तक करीब 16 किलोमीटर का पैदल मार्च निकाला।
टोल हटाओ संघर्ष समिति के बैनर तले ग्रामीणों ने एकत्र होकर टोल प्लाजा पर पहले नारेबाजी की और बाद में गुड़गांव का रुख कर लिया। इस दौरान उन्होंने सरकार की वादा खिलाफी और टोल प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ जमकर अपना गुब्बार निकाला।
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद टोल प्रबंधन ने 20 किलोमीटर दायरे में आने वाले गांवों के लोगों को टोल से छूट दी थी, लेकिन टोल कंपनी बदलते ही यह छूट वापस ले ली गई और अब टोल पर बैठे कथित गुंडे उनसे टोल वसूल रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि टोल प्रबंधन ने सोहना क्षेत्र को दो हिस्सों में बांट दिया है। पहले एक्सप्रेस-वे पर बीच में कट बनाए गए थे ताकि एक क्षेत्र के लोग दूसरे क्षेत्र में जा सकें लेकिन टोल प्रबंधन ने उन कट को बंद कर दिया।
ऐसे में अब एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाने वाले लोगों को करीब 12 किलोमीटर का चक्कर काटकर वापस आना होगा। ग्रामीणों का कहना है कि वह कई बार आंदोलन करके टोल हटाने का आग्रह सरकार से कर चुके हैं।
जब इस एक्सप्रेसवे को दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे में बदल दिया गया है तो 15 किलोमीटर के दायरे में दो टोल प्लाजा बनाने का कोई औचित्य ही नहीं बनता।
उन्होंने कहा कि यदि टोल लगाना ही है तो इसे सोहना के बाद लगाया जाए ताकि गुड़गांव और सोहना के बीच आवागमन करने वाले लोगों को कोई परेशानी न हो।