November 23, 2024

पलवल /भव्या नारंग: पलवल, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पलवल द्वारा हर खेत स्वास्थ्य खेत योजना के तहत जिले में मृदा एवं जल स्वास्थ्य कार्ड बनाए जा रहे है। भूमि एवं जल परीक्षण अधिकारी डा. सुमेर सिंह ने बताया कि जिले में अभी तक 57 हजार 592 किसानें के खेतों से मिट्टी के सैंपल लिए गए है। जिनमें से 26 हजार 75 किसानों के मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाकर जारी कर दिए गए है।

भूमि एवं जल परीक्षण अधिकारी डा. सुमेर सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का विजन है कि किसानों की आय को दोगुना किया जाए। सरकार द्वारा हर खेत स्वास्थ्य खेत योजना शुरू किए गए है। योजना के अनुसार पहले चरण व दूसरे चरण में पलवल जिले के होडल, हसनपुर, हथीन, पृथला खंड से किसानों के खेतों पर जाकर मिट्टी के नमूने लिए गए है। प्रयोगशाला में मिट्टी के सैंपल की जांच की जा रही है। जांच के उपरांत किसानों को सॉयल हेल्थ कार्ड जारी किए जा रहे है। उन्होंने बताया कि सॉयल हेल्थ कार्ड में मिट्टी के पीएच लेवल, ईसी, आर्गेनिक कार्बन, फास्फोरस, पोटेशियम, सल्फर, जिंक, आयरन, कॉपर, मैगनीज की मात्रा के बारे में बताया गया है।

मिट्टी व पानी का विशेषण कर किसानों को विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की जा रही है। विशेषण संबंधित जानकारी के अनुसार खादों की सिफारिश की गई है। किसानों को फसल चक्र के बारे में बताया जा रहा है कि गेहूं, धान, गन्ना, कपास, चना, बाजरा, सरसों आदि फसलों के लिए भूमि उपयोगी है। उन्होंने कहा कि किसान मिट्टी व पानी की जांच के बाद कम खर्च में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते है। सॉयल हेल्थ कार्ड के माध्यम से भूमि में कम पोषक तत्वों की पूर्ति करने के बाद फसलों की पैदावार में बढ़ोतरी होती है। उन्होंने बताया कि किसान सहायक की मदद से किसानों के खेतों पर जाकर मिट्टी व पानी के नमूने लिए जा रहे है। किसान सहायकों को इस एवज में 40 रुपए प्रति सेंपल प्रदान किए जा रहे है। अभी तक किसान सहायकों को डीबीटी के माध्यम से 16 लाख 3 हजार 20 रुपये की राशी का भुगतान किया जा चुका है।

गांव जनौली के किसान सचिन ने बताया कि खेतों से मिट्टी व पानी लाकर प्रयोगशाला में जांच करवाई है। जांच के बाद सॉयल हेल्थ कार्ड जारी किया गया है। जिसके अनुसार खेतों में खाद प्रयोग कर रहे है। ऐसा करने से फसल के उत्पादन में बढ़ोतरी हो रही है।

गांव फैजलपुर के किसान हरीश ने बताया कि प्रयोगशाला में अपने खेतों की मिट्टी के सैंपल भेजे थे। जिसके अनुसार सॉयल हेल्थ कार्ड बनाया गया है। सॉयल हेल्थ कार्ड में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में बताया गया है और कम पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए खाद का प्रयोग किया है। जिससे फसल की अच्छी पैदावार हो रही है।

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