अम्बाला शहर के विधायक असीम गोयल ने विधानसभा में जीरो आर्वस (शुन्य काल) में अपनी बात रखते हुए सरकार का ध्यान इस बात की ओर दिलाया कि भारत के विभाजन के समय पाकिस्तान से आये लोगों को शरणार्थी/रफ्यिूजी/पाकिस्तानी जैसे शब्द कहने पर रोक लगे और इन लोगों को पुरषार्थी कहा जाए। शरणार्थी/रफ्यिूजी/पाकिस्तानी जैसे शब्द बेन होने चाहिए। ये लोग आज मुख्यधारा में है। पाकिस्तान से आये इन लोगों ने अपने पुरषार्थ के बल पर जीवन स्तर बेहत्तर बनाया है।
उन्होंने कहा कि अम्बाला जिला में सिख समाज से जुड़े महत्वूपर्ण स्थान है पुराने अम्बाला जिला की बात करें तो नाडा साहिब, कपाल मोचन यमुनानगर, अम्बाला में बादशाही बाग, लखनौर साहिब जहां पर गुरू गोबिंद सिंह जी की ननीहाल है। पंजोखरा साहिब, विधायक ने अपनी बात रखते हुए कहा था कि गुरू गोबिंद सिंह जी ने चिडिय़ों से मैं बाज लड़ाऊ तभी मैं गोबिंद सिंह मैं नाम कहाउं शब्द कहा था जोकि अम्बाला शहर के अंदर बादशाही बाग से शुरू हुआ। वीरता के नाते गुरू गोबिंद सिंह जी का हम याद करते है।
श्री गोबिंद जी के नाम से श्री गोबिंद सर्कट बनाया जाए। जिससे उनके जीवन से युवाओं को प्रेरणा मिले और पूरी जानकारी मिले। जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि बारिश से फसलों को अम्बाला में भी काफी नुकसान हुआ है। इसके लिए सरकार स्पेशल गिरदावरी करवायें। विधायक ने कहा कि एनएच पर दुर्घटनाएं होने का एक प्रमुख कारण लेन पर ट्रक चालकों का यातायात नियमों की उल्लंघना कर सभी लेन पर तीव्र गति से ट्रक चलाते है। साईड नहीं देते दूसरे वाहनों को। सरकार कोई प्रावधान ऐसा करें जिससे ट्रक केवल अपनी लेन में ही चले और हरियाणा में इसे सख्ती से लागू किया जाए ताकि यातायात जोखिम भरा न होकर सुगम हो।
अम्बाला की दो महत्वपूर्ण सडक़े है- गांव मटेड़ी/नन्यौला की 15 किलोमीटर की इस सडक़ को 24 फीट से 33 फीट किया जाए। एक तरह से यह सडक़ दूसरे स्टेट पंजाब को जोड़ती है, जिस पर यातायात भी अधिक है। इसी प्रकार पुरानी हिसार रोड़ नसीरपुर तक 5 किलोमीटर तक बन चुकी है तथा 6 किलोमीटर पेंडिग है। इसे भी बलाना तक चौड़ाकरण/सुदृढ़ीकरण कर फोर लेन किया जाए।