अगर किसी पत्नी के सिर से पति का साया उठ जाए तो वह मर-मर कर जीवन व्यतीत करती है। मगर कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं, जो हौसला नहीं हारती और जीवन की हर मुश्किल का बहादुरी से सामना करती हैं।
ऐसी ही महिला है गांव बोहड़ वडाला की सविंदर कौर का। जिसने पति की मौत के बाद हिम्मत नहीं हारी और कपड़े सिलाई कर बच्चों को पालन पोषण किया और बेटे को सेना में भर्ती कराया।
सीमावर्ती गांव बोहड़ वडाला की सविंदर कौर ने बताया कि पति दलबीर सिंह की 1994 में मौत हो गई थी। उस समय बेटी और बेटा काफी छोटे थे। उनके पास जमीन नामात्र होने के कारण गांव के सरपंच भगवंत सिंह के प्रयास से शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से भेंट की सिलाई मशीन से दिन-रात कपड़े सिलकर और पशु पालकर बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाई।
देश की सेवा करने के लिए बेटे हरप्रीत सिंह को सेना में भर्ती करवाया। बेटी अवनीत कौर को भी उच्च शिक्षा दिलाई। धार्मिक सोच वाली सविंदर कौर की कड़ी मेहनत के चलते परिवार अब खुशहाली भरा जीवन व्यतीत कर रहा है।
वह उन महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जिनके सिर से पति का साया उठ जाने के बाद वह हिम्मत हार जाती हैं। अपनी मेहनत के चलते सविंदरर कौर बार्डर इलाके के लोगों में सम्मान का पात्र बनी हुई हैं।