
जाट आंदोलन का भागिदार बनना रोहतक एक पंचायती चुनाव के एक प्रत्याशी को महंगा पड़ गया। हरियाणा के रोहतक के वार्ड नंबर 10 से जिला परिषद के उम्मीदवार राहुल दादू को जाट आंदोलन में हिस्सा लेना महंगा पड़ गया।
चुनाव आयोग ने उनका नामांकन पत्र रद कर दिया। खास बात यह है कि जाट आंदोलन के 8 में से 3 केस में वह बरी हो चुके हैं। राहुल दादू ने नामांकन पत्र रद करने के पीछे सरकारी की साजिश बताया है।
उन्होंने कहा कि नामांकन पत्र में कोई कमी होती तो वह सुबह ही रद हो जाता। इसे जानबूझकर देर रात तक लटकाया गया। वहीं, राहुल दादू का नामांकन रद होने के बाद उसका भाई जयदेव चुनाव लड़ेगा। जिसे उन्होंने कवरिंग कैंडिडेट बनाया था।रोहतक के जिला प्रशासन ने नामांकन पत्र रद करने के लिए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज केसों को कारण बताया गया है।
जाट आंदोलन में राहुल दादू पर 8 मुकदमे दर्ज हुए थे। जिनमें 5 मामले अभी विचाराधीन हैं। उनका आरोप है कि केवल मुकदमा दर्ज होने के आधार पर नामांकन रद नहीं किया जा सकता। अभी किसी कोर्ट ने उन्हें दोषी करार नहीं दिया है।