नगर निगम के वार्ड नंबर 21 में आईटीआई के नजदीक कचरा डंप न होने देने के लिए फोटोग्राफर गुरुदत्त वहां बने डंपिंग प्वाइंट के पास ही कुर्सी लेकर बैठ गया। फोटोग्राफर की पास में ही दुकान है। काफी समय से लोगों ने यहां कचरा डालकर डंपिंग प्वाइंट बनाया हुआ है। वहां कचरा डालना बंद करवाने के लिए फोटोग्राफर गुरुदत्त ने अलग ही तरीका अपनाया।
गुरुदत्त ने पहले मेयर मदन चौहान के निजी सहायक सागर तोमर को फोन कर वहां डंप हुआ कचरा उठवाया। इसके बाद डंपिंग प्वाइंट पर ही कुर्सी पर बैठ अपना काम शुरू किया। उसने अपने पास में ही एक पोस्टर लगाया। जिस पर उसने लिखा कि कृपया यहां कचरा न डाले। हमारे समाज में सभी बुद्धिमान है, जरूरत है सही दिशा की। उसने वहां कचरा न डालने की लोगों से अपील की गई। इस दौरान उसने लोगों को भी वहां कचरा डालने से मना कर उन्हें खुले में कचरा न फेंकने के प्रति जागरूक किया।
गुरुदत्त का कहना है कि आज नगर निगम शहर को सुंदर बनाने के लिए अनेक प्रयास कर रहे है। लेकिन यह प्रयास तब विफल हो जाते है, जब शहरवासी खुले में गंदगी फैलाते है। आज सिंगापुर सबसे सुंदर व साफ देश है। इंदौर देश का सबसे साफ शहर है। इसका कारण यह नहीं कि वहां सफाई कर्मचारी 24 घंटे सफाई करते है। सिंगापुर व इंदौर के साफ होने का कारण वहां की जनता का जागरूक होना है। वहां के लोग जागरूक है। वे कभी खुले में कचरा नहीं फेंकते। अपने घर में ही उन्होंने अलग अलग कूड़ेदान रखे हुए है।
जिनमें वे गीला और सूखा कचरा अलग अलग करके निगम के वाहन में डालते है। जिससे उसके निपटान में भी कोई दिक्कत नहीं आती। हमारे शहर में तो लोग सड़कों, गलियों व चौकों पर ही कचरा डंप करते रहते है। इससे निगम के कर्मचारियों को भी कचरा उठाने में दिक्कत होती है। इसके बाद उस कचरे का निपटान करने में भी परेशानी आती है। जब तक शहरवासी खुले में कचरा डालना व अलग अलग जगहों पर कचरा डंप करना बंद नहीं करेंगे। हम साफ व सुंदर शहर की कल्पना नहीं कर सकते। शहर को सुंदर, साफ व स्वच्छ बनाने को सभी शहरवासियों को जागरूक होना होगा।