अब पुराना समय फिर से दिखाई देगा। आज भी हमारे बुजुर्ग पुराने समय के पहाड़े सुना सकते है लेकिन आज बच्चो को काफी समस्या आती है। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर दिया है और स्कूलों में बच्चो की पहाड़ो की आवाज आनी भी शुरू हो गई है।
राजकीय स्कूल सुई में पहाड़ो की आवाजें आ रही है। बच्चे डेढ़ का पहाड़ा याद कर रहे है। बच्चो को अध्यापक बोर्ड पर लिख कर पहाड़े याद करवा रहे है। बच्चे जोर जोर से पहाड़े बोल रहे है। उन्हें प्रतियोगिता जितनी है। बच्चो का कहना है कि पहाड़े सिख कर वे अपना गणित भी मजबूत करेंगे वही उनका यही कहना है सरकार का यह फैसला अच्छा है।
राजकीय स्कूल के एक्टिविटी प्रभारी सूंदर सिंह का कहना है कि सरकार ने पत्र जारी किया है। उन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग स्कूलों के स्तर को सुधारने का प्रयास कर रहा है यह जरूरी भी है। उन्होंने बताया कि पहाड़े बच्चे सीखेंगे ओर गणित को मजबूत करेंगे।
वही खण्ड शिक्षा अधिकारी अनिल गौड़ ने सरकार के इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सभी राजकीय स्कूलों में पत्र भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि पहले ये पहाड़े स्कूलों में बुलवाये जाते थे लेकिन बीच मे इस तरह के पहाड़े बन्द कर दिए गए थे अब फिर से शुरू किया गया है। बच्चे गणित में मजबूत होंगे।