कभी बिमारी की मार तो भी मौसम की मार झेल रहे किसानों की समस्याएं हल होने का नाम नहीं ले रही। हालात यह है कि भाकियू नेता गुरनाम सिंह चंदूनी के संघर्ष के बाद हरियाणा सरकार ने आज से धान की खरीद किए जाने का एलान तो कर दिया, लेकिन आढ़तियों की हड़ताल के कारण किसानों को अभी भी राहत मिलती नजर नहीं आ रही। किसानों का कहना है कि वह सात सात दिन से मंडी में धान लेकर आए हुए हैं और खरीद नहीं की जा रही है। बरसात के कारण मंडी में आने के बाद भी फसल खराब हो रही है।
किसानों का कहना है कि सरकार ने तो धान की खरीद के आदेश दे दिए हैं, लेकिन आढ़ती धान की भराई और खरीद करने को तैयार नही है। किसानों ने कहा कि आढ़तियों की हड़ताल के कारण किसानों को परेशानी हो रही है। सरकार ने तो धान की खरीद के आदेश दे दिए हैं, लेकिन आढ़ती खरीद नहीं कर रहे। किसानों ने कहा कि उनका क्या कसूर है कि धान की खरीद नहीं की जा रही। मंडी में जो धान आई है वह खरीद न होने के कारण खराब हो रही है, जबकि खेतों में खड़ी धान की बरसात के कारण उम्मीद भी नही है कि वह मंडी में आएगी या नहीं।
आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान दूनीचंद दानीपुर ने कहा कि सरकार ने आढ़तियों की कुछ सरकार ने मानी है, जिसमें प्रति एकड़ 30 क्विंटल धान खरीदने के आदेश दिए गए हैं। वहीं दूनीचंद ने कहा कि आढ़तियों की अपनी मांगे हैं, जिसे सरकार नहीं मान नही। आढ़तियों ने कहा कि जब तक सरकार आढ़तियों की मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक आढ़तियों न तो तुलवाई करवाएंगे और न ही धान की सफाई करेंगे। सरकार ने धान खरीद के आदेश दिए हैं वह अपने स्तर पर धान की सफाई करवाए और खरीद भी खुद कर ले।