September 20, 2024
अम्बाला शहर विधानसभा हलके से भाजपा से लगातार दूसरी बार विधायक बने असीम गोयल नन्यौला ने गत मंगलवार  19 जुलाई को हरियाणा विधानसभा की प्रिविलेजेस कमेटी ( विशेषाधिकार  समिति ) की सदस्यता  से त्यागपत्र दे दिया है जिसे स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता द्वारा उसी दिन से  स्वीकार भी कर लिया गया है.  इस सम्बन्ध में विधानसभा सचिवालय द्वारा गजट नोटिफिकेशन भी जारी कर दी गयी है.
इस कमेटी के चेयरमैन गुरुग्राम से भाजपा विधायक सुधीर कुमार सिंगला हैं एवं असीम के बाद अब शेष सदस्यों  में  विधायक किरण चौधरी, हरविंदर कल्याण, वरुण चौधरी, अमरजीत ढांडा और मोहन लाल बड़ोली शामिल हैं.

बहरहाल, शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा  हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि चूँकि गत माह जून में ही असीम गोयल को विधानसभा स्पीकर द्वारा विधायकों के प्रोटोकॉल सम्बन्धी कमेटी का चेयरपर्सन बनाया गया जिसमें सदस्यों  भारत भूषण बतरा, प्रमोद कुमार विज, मोहन लाल बड़ोली, जोगी राम सिहाग, नरेंद्र गुप्ता, नयन पाल  रावत और रेणु बाला सदस्य है.

उससे पूर्व अप्रैल माह में असीम को स्पीकर महोदय द्वारा लगातार चौथी बार सदन की एक स्थायी और वित्तीय कमेटी अर्थात  लोक उपक्रम सम्बन्धी समिति ( कमेटी ऑन पब्लिक अंडरटेकिंग्स)  का चेयरमैन भी बनाया गया था  जिसके सदस्यों में  दूड़ा राम , मोहन लाल बड़ोली,   चिरंजीव राव, कुलदीप वत्स , सीता राम यादव, प्रदीप चौधरी, नीरज शर्मा  और  कृष्ण लाल मिड्डा इस कमेटी के अन्य सदस्य हैं, इसलिए सदन की दो महत्वपूर्ण समितियों के चेयरमैन असीम द्वारा  विशेषधिकार कमेटी की सदस्यता से  त्यागपत्र दिया गया है.

गत अप्रैल में ही  अम्बाला  जिले के मुलाना  ( आरक्षित) विधानसभा हलके से पहली बार निर्वाचित कांग्रेस विधायक वरूण चौधरी, जो कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष फूल चंद मुलाना के सुपुत्र हैं,  को   स्पीकर महोदय द्वारा  सदन की  एक अन्य स्थायी एवं महत्वपूर्ण  वित्तीय कमेटी लोक लेखा समिति ( पब्लिक अकाउंट कमेटी ) का  पहली बार चेयरमैन बनाया गया.   ऐसा पहली बार हुआ है कि हरियाणा विधानसभा की 3 वित्तीय कमेटियों में से 2 के चेयरमैन अंबाला जिले के विधायक हों  – एक सत्ताधारी पार्टी से और दूसरा विपक्षी दल से.

हेमंत ने बताया कि असीम गोयल  हरियाणा में   खट्टर  सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान  भी  मंत्री  या किसी सरकारी बोर्ड/निगम के चेयरमैन पद  पर आसीन  नहीं हो  पाए थे   हालांकि  तत्कालीन विधानसभा स्पीकर कँवर पाल गुर्जर (जो  प्रदेश के मौजूदा  शिक्षा मंत्री हैं ) द्वारा उन्हें सदन की  शहरी स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थाओ के विषय पर बनी कमेटी का चेयरमैन नियुक्त किया गया  था.

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