सरकार ने प्रदेश के किसानों का आह्वïन किया है कि वे मल्टीलेयर खेती पद्घति को अपनाकर अपनी आमदनी बढ़ाये। इस पद्घति में खेती की लागत व पानी की खपत में कमी होती है तथा मुनाफा कई गुणा बढ़ जाता है। मल्टीलेयर खेती पद्घति में किसान एक खेत में एक समय में 5 अलग-अलग तरह की फल-सब्जीयों का उत्पादन कर सकता है।
उन्होंने कहा कि खेती को मुनाफे का व्यवसाय बनाने के लिए किसानों को मल्टीलेयर खेती पद्घति को अपनाना होगा। इस पद्घति से किसान कम समय में ज्यादा पैदावार से अधिक धन कमा सकता है। इस खेती पद्घति के तहत एक खेत को 5 भागों में विभाजित करके इस पर पांच लेयर की खेती की जा सकती है। खेत के चारों तरफ चकोर मेड पर फलदार पेड़ लगाकर उनसे 10 फुट की दूरी पर उनसे छोटे पौधे लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा बीच-बीच में भी धनिया व पालक उगाकर उस स्थान का उपयोग किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इसके अलावा जमीन के नीचे अदरक, हल्दी व अन्य फसल का उत्पादन लिया जा सकता है, जो तीन से चार महीने बाद जमीन से ऊपर आती हैं, जब तक धनिया व पालक की फसल तैयार होकर बिक्री के लिए चली जाती है। इस पद्घति से केवल तीन प्रतिशत पानी की खपत होती है, बाकी 97 प्रतिशत पानी बच जाता है। इसके अलावा बारिश के दिनों में खेत का पानी खेत में ही रखने के लिए यह तकनीक रामबाण है।