November 24, 2024
बहादुरगढ़ के खरहर गांव की एक और बेटी ने गांव, प्रदेश और देश का गौरव बढ़ाने का काम किया है। खरहर गांव की बेटी कनिका राठी ने यूपीएससी परीक्षा पास कर ली है। 64 वां रैंक हासिल कर कनिका ने अपना बचपन का सपना साकार किया है। कनिका ने आईबी की सरकारी नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी की और अपने चौथे प्रयास में कामयाबी हासिल कर ली। कनिका का कहना है कि परिवार का साथ और सार्थक प्रयास ही सफलता की कूंजी है। अपनी सफलता का पूरा श्रेय कनिका ने अपने माता पिता और परिवार का दिया है।
इंजीनियर और डॉक्टरों के घर की बेटी ने सरकारी नौकरी छोड़कर देश की सबसे बड़ी परीक्षा पास कर ली है। कनिका राठी ने अपने चौथे प्रयास में 64वां रैंक हासिल कर कामयाबी पाई है। यूं तो कनिका अपने परिवार के साथ बहादुरगढ़ के दयांनन्द नगर में रह रही है और मूलरूप से खरहर गांव की बेटीहै। पिता नरेश इंजिनियर है तो चाचा डॉ अनिल राठी झज्जर चिकित्सा विभाग में सीनियर डॉक्टर है। कनिका की मां टीचर है। कनिका आईबी में नौकरी करती थी लेकिन नौकरी और तैयारी में सामंजस नही बैठ रहा था। जिसके बाद कनिका ने नौकरी छोड़ दी और सैल्फ स्टडी करके अपना सपना पूरा कर लिया। कामयाबी का पूरा श्रेय कनिका ने अपने माता पिता को दिया है।
कनिका फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी कभी कभार सक्रिय रहती थी। यूट्यूब के चैनलों से अपने कांस्पैट भी समझती थी। पढ़ पढ़कर जब बोर हो जाती तो गार्डनिंग करती या फिर पेंटिंग कर लेती थी। कनिका का कहना है कि परिवार के साथ बैठकर बातें करने के बाद उसकी बोरियत खत्म हो जाती थी। कनिका ने यूपीएससी की तैयारी कर रहे बच्चों को कहा कि रिविजन इज द की ऑफ सक्सस। परिवार का साथ और सहयोग 90 प्रतिशत सफलता देता है और 10 प्रतिशत आपकी तैयारी।
 कनिका राठी की मां नीलम अध्यापक है। बेहद खुश हैं अपनी बेटी की उपलब्धि पर। उन्होंने बताया कि कनिका स्कूल से ही बेहद मेधावी रही है। 95 प्रतिशत अंक हासिल कर सैकन्डरी और सीनियर सैकन्डरी की परीक्षा पास की थी। कनिका के पिता नरेश राठी भी बेटी की कामयाबी पर बेहद खुश है । भावानाओं पर काबू पाते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने बेटी की शादी करने की बजाए बेटी का सपना पूरा करने पर फोकस किया। क्योंकि बेटियां बेटों के समान है और उनके सपने पूरे करना मां बाप का फर्ज है।
कनिका राठी खरहर गांव से है । पिछली बार खरहर गांव की बेटी शैली राठी ने भी यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। शैली की उपलब्धि ने भी कनिका का हौसला बढ़ाने का काम किया। कनिका का कहना है कि यूपीएससी की तैयारी के चलते दोस्तों और सोशल सर्कल से दूरी हो गई। आउटिंग भी कम हुई लेकिन कुछ हासिल करने के लिए थोड़ा बहुत कुछ त्याग करना भी पड़ता है।

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