बांग्लादेश में भीड़ द्वारा ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मार डाले गए हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या के मामले में खुलासा हुआ है कि दीपू चंद्र द्वारा ईशनिंदा करने का कोई सबूत नहीं मिला है।
हाल ही में बांग्लादेश के मयमनसिंह के भालुका इलाके में दीपू चंद्र दास की गुस्साई भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और उसके शव को आग लगा दी थी और नारेबाजी की। इस बर्बर घटना का वीडियो भी सामने आया था।
दीपू भालुका इलाके में स्थित एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करता था। आरोप है कि उसने इस्लाम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की।
हालांकि बांग्लादेशी मीडिया ने रैपिड एक्शन बटालियन के कंपनी कमांडर के हवाले से बताया है कि दीपू पर लगे आरोप का कोई सबूत नहीं मिला है।
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि ऐसा भी कोई व्यक्ति नहीं मिला है, जिसके सामने दीपू ने इस्लाम के बारे में आपत्तिजनक बातें की।