राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कहा कि देश को हर चीज से ऊपर रखना चाहिए। यह भारत के लिए जीने का समय है, मरने का नहीं।
हमारे देश में हमारे अपने देश की ही भक्ति होनी चाहिए। यहां ‘तुम्हारे टुकड़े-टुकड़े होंगे’ जैसी भाषा नहीं चलेगी।
भागवत, अंडमान में दामोदर सावरकर के गीत ‘सागर प्राण तलमाला’ की 115वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित समारोह में पहुंचे थे।
उन्होंने कहा कि आज समाज में छोटी-छोटी बातों पर टकराव दिखता है कि हम कैसा सोचते हैं। एक महान देश बनाने के लिए, हमें सावरकर के संदेश को याद करना होगा।
भागवत ने यह भी कहा कि सावरकर जी ने कभी नहीं कहा कि वह महाराष्ट्र से हैं या किसी खास जाति के हैं। उन्होंने हमेशा एक राष्ट्र की सोच सिखाई।
हमें अपने देश को ऐसे सभी टकरावों से ऊपर रखना होगा। हमें यह मानना होगा कि हम सब भारत हैं।
इस दौरान द्वीप समूह के बेओदनाबाद में विनायक दामोदर सावरकर की मूर्ति का अनावरण किया गया।
इस कार्यक्रम में भागवत के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री आशीष शेलार, पद्मश्री हृदयनाथ मंगेशकर, एक्टर रणदीप हुड्डा और शरद पोंक्षे, डॉ. विक्रम संपत भी मौजूद थे।