
हरियाणा की फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल), जो कभी केवल एक विश्लेषणात्मक संस्था मानी जाती थी, आज वैज्ञानिक न्याय प्रणाली की रीढ़ के रूप में उभर चुकी है। हरियाणा पुलिस की एफएसएल ने पिछले डेढ़ वर्षो में न केवल अत्यधिक वैज्ञानिक उपकरणों की बड़ी संख्या में खरीद की है बल्कि एसएसओ, साइबर फोरेंसिक एक्सपर्ट सहित अन्य सहयोगी स्टाफ की भर्ती करते हुए कार्य व न्याय प्रणाली को नई गति प्रदान की है परिणामस्वरूप लंबित मामलों में प्रभावशाली गिरावट दर्ज की गई है।
– घटनास्थल पर ही सटीक जांच: मोबाइल फॉरेंसिक वैन से बढ़ी पहुंच और विश्वसनीयता
एक महत्वपूर्ण पहल के तहत पुलिस महानिदेशक हरियाणा शत्रुजीत कपूर ने एफएसएल मधुबन परिसर से चार अत्याधुनिक मोबाइल फॉरेंसिक वैन का विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने फॉरेंसिक मोबाइल वैन का निरीक्षण किया और उपस्थित अधिकारियों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बताया कि इन वैनों को डीएनए सैंपलिंग, फिंगरप्रिंट कैप्चरिंग, डिजिटल डॉक्यूमेंटेशन, कैमरा रिकॉर्डिंग, और प्राथमिक विश्लेषण की सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है।
ये वैन घटनास्थल पर पहुँचकर वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य एकत्र कर सकेंगी, जिससे परंपरागत देरी और संभावित साक्ष्य क्षरण (evidence degradation) की समस्या से छुटकारा मिलेगा। यह पहल ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, जहां पहले जांच अधिकारियों को विशेषज्ञों के पहुंचने की प्रतीक्षा करनी पड़ती थी। अब घटनास्थल पर ही वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र किए जा सकेंगे, जिससे न्यायिक प्रक्रिया की गति और गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा।
सबूतों की सुरक्षा को मिली नई परिभाषा: टेम्पर-प्रूफ पैकेजिंग का शुभारंभ
इसी कार्यक्रम में डीजीपी हरियाणा ने एफएसएल द्वारा विकसित अत्याधुनिक टेम्पर-प्रूफ पैकेजिंग और सीलिंग सामग्री का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह पैकेजिंग इस तरह डिज़ाइन की गई है कि एक बार सील होने के बाद यदि किसी ने उसके साथ छेड़छाड़ की, तो वह स्पष्ट रूप से पहचानी जा सकेगी।
इससे अदालत में प्रस्तुत साक्ष्यों की वैधता को और अधिक मज़बूती मिलेगी। टेम्पर-प्रूफ पैकेजिंग न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही का एक नया आयाम जोड़ रही है। यह वैज्ञानिक प्रक्रिया अब यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी साक्ष्य रास्ते में बदला या नष्ट नहीं किया गया है। ऐसे में अपराधियों के दोषमुक्त होने की संभावना में कमी आएगी और न्यायिक प्रक्रिया पर आम जनता का विश्वास बढ़ेगा।
गुणवत्ता, गति और पारदर्शिता: हरियाणा पुलिस का नया मानक
डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत कपूर ने कहा कि ये दोनों पहल हरियाणा पुलिस की वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाने की प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं। एफएसएल हरियाणा अब केवल एक रिपोर्टिंग एजेंसी नहीं रह गई, बल्कि यह वैज्ञानिक न्याय प्रणाली के हर चरण में निर्णायक भूमिका निभा रही है। उन्होंने एफएसएल टीम को बधाई देते हुए कहा कि अब जांच प्रक्रिया न केवल तेज और निष्पक्ष होगी, बल्कि तकनीकी रूप से इतना प्रमाणिक होगी कि कोर्ट में साक्ष्य को चुनौती देना कठिन होगा।