September 19, 2024

किसानों को कृषि यंत्रों की मदद से धान की फसल अवशेषों का प्रबंधन करने पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग हरियाणा द्वारा 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दी जाएगी।

गत वर्षों की तरह इस वर्ष भी स्ट्रा बेलर द्वारा फसल अवशेषों की गांठ बनवाने पर या फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्र जैसे कि सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, रिवर्सिबल एम0बी0 प्लो, जिरो टिल सीड डील मशीन की मदद से फसल के अवशेषों को मिट्टी में मिलाए जाने पर 1000/रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि विभाग द्वारा दी जायेगी।

सहायक कृषि अभियन्ता, यमुनानगर डॉ0 विनीत कुमार जैन ने बताया कि जैसा कि धान की फसल की कटाई का सीजन नजदीक आ रहा है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि किसान इन कृषि यंत्रों के माध्यम से फसल अवशेषों का प्रबंधन करें। इससे न केवल धरती की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है बल्कि मित्र कीट व पोषक तत्वों को भी कोई नुकसान नहीं होता है व रासायनिक खादों पर होने वाले खर्च में भी कमी आती है।

उन्होंने यह भी बताया कि किसान बेलर द्वारा पराली की गांठ बनाकर अपनी आमदनी भी बढ़ा सकते है। इच्छुक किसान जो स्ट्रा बेलर, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, रिवर्सिबल एम00बी0प्लो,जिरो टिल सीड डील, रोटावेटर व हैरो के माध्यम से फसल के अवशेषों का प्रबंधन करने पर सहायता राशि का लाभ लेना चाहते हैं ऐसे किसान विभागीय पोर्टल www.agriharyana.gov.in पर अपना ऑनलाईन पंजीकरण करवायें। किसान का मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर भी पंजीकरण करवाना आवश्यक है।

उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि जिले में स्थित गौशालाओं को धान की पराली उठाने के लिये यातायात खर्च की एवज में 500 रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि भी प्रदान की जायेगी।

एक गौशाला के लिये अधिकतम सहायता राशि 15 हजार रुपये होगी। गौशाला का गौ सेवा आयोग के साथ पंजीकृत होना अनिवार्य है। अधिक जानकारी के लिये किसान उप कृषि निदेशक, यमुनानगर अथवा सहायक कृषि अभियन्ता, यमुनानगर के कार्यालय में अथवा दूरभाष नम्बर 01732-298096 पर संपर्क कर सकते है।

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