प्रॉपर्टी आईडी के सर्वे में बड़े स्तर पर हुए घोटाले को लेकर प्रदेश कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष एडवोकेट रोहित जैन ने राज्य सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए हैं। इस मामले में हरियाणा लोकायुक्त ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग के चीफ विजिलेंस ऑफिसर को तलब किया है।
जैन ने कहा कि यह कार्रवाई लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा ने प्रॉपर्टी आईडी सर्वे मामले में कई नगर निगमों में कमिश्नर रहे 12 आईएएस अधिकारियों और सर्वे करने वाले याशी कंपनी को जांच में क्लीनचिट देने पर की गई है। जैन ने कहा कि सत्ता में आते ही कांग्रेस सबसे पहले प्रॉपर्टी आईडी की समस्या का योजनाबद्ध तरीके से समाधान करेगी।
शहरी एरिया में जन संवाद कार्यक्रम के दौरान प्रदेश कांग्रेस मेनिफेस्टो कमेटी के सदस्य एडवोकेट रोहित जैन ने कहा कि याशी कंपनी को पूरे प्रदेश में प्रॉपर्टी आईडी के सर्वे का ठेका दिया गया था। इस सर्वे में बड़ा घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि सर्वे की फिजिकल वेरिफिकेशन किए बिना अधिकारियों ने साइन ऑफ सर्टिफिकेट जारी कर याशी कंपनी को करीब 63 करोड़ रुपए का भुगतान जारी कर दिया।
उन्होंने कहा कि सर्वे में गंभीर खामियां होने के बावजूद अफसरों ने आंखें मूंदकर कंपनी को बड़ी रकम का भुगतान कर दिया। इसी वजह से अब इन 12 आईएएस अफसरों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जैन ने कहा कि कंपनी की ओर से किए गए सर्वे के बावजूद अंबाला शहर समेत प्रदेश के सभी नगर निगमों में लोग प्रॉपर्टी आईडी ठीक करवाने के लिए धक्के खा रहे हैं।
जैन ने कहा कि सर्वे में कंपनी ने इतनी गंभीर गलतियां की कि उन्हें ठीक करना भी बेहद मुश्किल है। उन्होंने कहा कि सर्वे में कंपनी ने किसी की प्रॉपर्टी का किसी दूसरे को मालिक बना दिया। इसी तरह एक ही प्रॉपर्टी के दो-दो मालिक बना दिए। इससे प्रॉपर्टी को लेकर कई जगह विवाद की खबरें आई। ऐसे अनेक केस हैं जिनसे प्रॉपर्टी आईडी के सर्वे में गंभीर खामियां हैं।