थानेसर के विधायक एवं राज्यमँत्री सुभाष सुधा को आज उस समय भारी राजनैतिक झटका लगा जब भाजपा के 8 पूर्व पार्षदों ने पार्टी को अलविदा कहकर पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में कांग्रेस का दामन थाम लिया। पूर्व पार्षद राधेश्याम वधवा के निवास पर कांग्रेस में शामिल होने वाले इन पूर्व पार्षदों में राधेश्याम वधवा के अलावा गुरदयाल काजल, पवन वधवा, सुभाष वधवा, नीरू वधवा, कमलेश वधवा, किरण काजल और राधा रानी पोपली शामिल हैं।
इन सभी पूर्व पार्षदों ने कहा कि वे भाजपा की जनविरोधी नीतियों से दुखी होकर पूर्व मँत्री अशोक अरोड़ा के नेतृत्व में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं। अशोक अरोड़ा ने इन सभी पूर्व पार्षदों को पार्टी का पटका पहनाकर कांग्रेस में शामिल किया। उन्होने कहा कि इन सभी पूर्व पार्षदों के पार्टी में शामिल होने से कांग्रेस ओर अधिक मजबूत होगी।
कांग्रेस में शामिल होने वाले सभी लोगों का पार्टी में पूरा मान सम्मान किया जाएगा। इस अवसर पर थानेसर नगर परिषद में चार बार पार्षद रह चुके अखिल भारतीय सारस्वत ब्राह्मण सभा एवं धर्मंशाला के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेंद्र शर्मा निंदी, पूर्व पार्षद मनू जैन, पूर्व पार्षद विवेक मैहता विक्की, सुधीर चुघ, सौरभ गर्ग, संजय कौशल, जगजीत भूल्लड, सुनील नैन, राकेश शर्मा, दिनेश मिर्जापुर ने भी इन सभी पूर्व पार्षदों का कांग्रेस में शामिल होने पर स्वागत किया और कहा कि इन सभी का शहर के विकास में विशेष योगदान रहा है।
अब इन सबके कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी ओर अधिक मजबूत होगी। उल्लेखनीय है कि इन सभी पूर्व पार्षदों की राज्यमंत्री सुभाष सुधा के विश्वासपात्रों में गिनती रही है। यह भी गौरतलब है कि नगर परिषद का कार्यकाल लगभग दो वर्ष पूर्व खत्म हो चुका है और नगर परिषद की अध्यक्षा पद पर पिछले लगभग 15 वर्ष से राज्यमंत्री सुभाष सुधा की धर्मपत्नी आसीन रही हैं। इनमें से राधेश्याम वधवा तथा गुरदयाल सिंह काजल की गिनती निर्वतमान पार्षदों में होती है। गुरदयाल काजल हरियाणा सरकार द्वारा मनोनीत पार्षद रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मँत्री अशोक अरोड़ा ने कहा कि आज प्रदेश में बदलाव की लहर चल रही है। कांग्रेस पार्टी में शामिल होने वालों की लंबी लाईन लगी हुई है। प्रदेश की जनता भाजपा के कुशासन से दुखी हो चुकी है। आने वाले विस चुनाव में जनता भाजपा का सूपड़ा साफ करेगी और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी।