मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कृष्ण कुमार ने कहा कि गर्मी के मौसम में जगह-जगह जलभराव एवं गंदगी होने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, जिससे मच्छर जनित रोग जैसे मलेरिया, डेंगू आदि के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है।
ऐसे में घर के आस-पास एवं घर के अन्दर मच्छरों के पनपने के स्थान या घरों के आस-पास होने वाले जल भराव, गमले एवं पशु-पक्षियों के पानी पीने के पात्र एवं घरों की छतों पर रखी अनुपयोगी वस्तुओं का समुचित निस्तारण किया जाना अति आवश्यक है।
सीएमओ ने कहा कि आमजन को गर्मी के मौसम में मलेरिया, डेंगू आदि से सजग व सतर्क रहना होगा। उन्होंने जन समुदाय से अपील की है कि मच्छरों से बचने के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें एवं सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। बुखार होने पर निकट के स्वास्थ्य केंद्र पर रक्त की जांच एवं उपचार कराएं। स्वयं से कोई दवा लेकर सेवन न करें।
मलेरिया के लक्षण और बचाव
मलेरिया में तेज बुखार से ठंड लगना, उल्टी दस्त, तेज पसीना आना तथा शरीर का तापमान 100 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर बढ़ जाना, सिर दर्द, शरीर में जलन तथा मलेरिया में बुखार आने पर शरीर में कमजोरी होना। मलेरिया से बचाव के लिए घर के आसपास पानी को एकत्रित न होने दें।
सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। नीम की पत्तियों का धुआं करे। अपने घर के नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर रक्त की जांच अवश्य करवाएं। बुखार होने पर तुरंत इसकी जांच कराएं, अगर जांच में मलेरिया पाया जाता है तो पूरे 14 दिन तक गोली खाएं।
डेंगू के लक्षण और बचाव
डेंगू बीमारी की शुरुआत तेज बुखार और सिरदर्द व पीठ में दर्द से होती है। शुरू के दिनों में शरीर के जोड़ों में दर्द होता है।, आंखे लाल हो जाती है। डेंगू बुखार दो से चार दिनों तक होता है उसके बाद शरीर का तापमान धीरे-धीरे अपने आप नॉर्मल होने लगता है।
बुखार के साथ ही साथ शरीर में खून की कमी होने लगती है। डेंगू से बचने के लिए मच्छरों के प्रकोप से बचना चाहिए। अपने घरों के आसपास पानी को इकठ्ठा न होने दे।