हरियाणा में नए सीएम नायब सैनी की सरकार फ्लोर टेस्ट में पास हो गई है। मंगलवार (13 मार्च) को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पास किया गया।
इस पर पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सीक्रेट वोटिंग कराओ, लेकिन स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि प्रस्ताव सर्वसम्मति से स्वीकृत हुआ। इसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
इस बीच पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर ने MLA पद से इस्तीफा दे दिया। अब खाली हुई करनाल सीट से सीएम नायब सैनी उपचुनाव लड़ेंगे।
इससे पहले मुख्यमंत्री सैनी द्वारा सदन में विश्वासमत रखने पर जननायक जनता पार्टी (JJP) के सभी 10 विधायक सदन से बाहर चले गए। एक निर्दलीय बलराज कुंडू ने भी कार्यवाही छोड़ दी।
वहीं नए CM नायब सैनी के खिलाफ एडवोकेट जगमोहन भट्टी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने कहा कि बिना सांसद पद छोड़े वह सीएम नहीं बन सकते।
हरियाणा में 2019 से भाजपा, जजपा के साथ मिलकर सरकार चला रही थी, लेकिन लोकसभा सीटों में बंटवारे पर बात नहीं बनने के कारण मंगलवार (12 मार्च) को भाजपा ने गठबंधन तोड़कर निर्दलीयों के सहारे नई सरकार बना ली।
मनोहर लाल खट्टर की जगह सैनी को विधायक दल की बैठक में नेता चुना गया। इसके बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने दावा किया कि उनके पास 48 विधायकों का समर्थन है। मीटिंग में भाजपा के 41 और 7 निर्दलीय विधायक शामिल हुए थे यानी 48। जबकि विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 46 विधायकों का सपोर्ट चाहिए था।