हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है जहां हर नागरिक अपना आयुष्मान कार्ड बना सकता है और इस योजना के तहत परिवार सदस्य 5 लाख रुपए तक का निशुल्क इलाज करवा सकता है।
विज आज मीडिया कर्मियों के साथ बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि यदि परिवार की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपए से कम है तो यह सुविधा बिल्कुल निशुल्क है। अगर परिवार की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपए से लेकर 3 लाख रुपए वार्षिक तक है तो परिवार यह सुविधा 1500 रुपए प्रति वर्ष प्रीमियम देकर ले सकता है।
इसी प्रकार, यदि परिवार की वार्षिक आय तीन लाख रुपए से लेकर 6 लाख रुपए तक है तो परिवार 4000 रुपए का अंशदान देकर के यह सुविधा प्राप्त कर सकता है।
उन्होंने बताया कि यदि परिवार की वार्षिक आय 6 लाख रुपए से अधिक है तो वह वार्षिक 5000 का अंशदान देकर इस सुविधा का लाभ ले सकता है अर्थात राज्य का हर आदमी आयुष्मान भारत कार्ड योजना का लाभ उठा सकता है। इसमें परिवार सदस्यों की आयु की कोई सीमा नहीं है और इम्पैन्ल्ड अस्पताल में जाकर ईलाज कराया जा सकता है। लाभार्थी पांच लाख रुपए में एक वर्ष तक निशुल्क ईलाज करवा सकता है।
कांग्रेस अपनी असलियत तभी दिखाती है जब इनकी सत्ता आती है : गृह मंत्री अनिल विज
कर्नाटक मंदिरों में टैक्स लगने के मामले में गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि कांग्रेस अपनी असली खासियत तभी दिखाती है जब इनकी सत्ता आती है, वैसे यह मंदिरों में जाकर माथा टेकते है और सत्ता में आते ही अपनी असलियत पर आ जाते हैं। मंदिरों पर टैक्स लगाना जजिया के सामान है और कांग्रेस यहीं कुछ करती है।
सरकार ने चंदे को पूरी तरह से पारदर्शी बनाया, कांग्रेस राज में पारदर्शता नहीं थी : मंत्री अनिल विज
चंदे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि राहुल गांधी नित नई बात करते हैं, हमारी सरकार ने चंदे को पूरी तरह से पारदर्शी बनाया है। इनके राज में कोई पारदर्शता नहीं थी, यह बेबुनियाद बाते करते हैं।
ईडी वहीं कार्रवाई करती है जहां कुछ गलत हुआ होता है। गृह मंत्री अनिल विज ने केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि कट्टर ईमानदारी केजरीवाल कहते हैं कि हमारे लोगों को गलत पकड़ा है।
पुलिस का माना जा सकता है कि गलत पकड़ लिया हो, मगर कोर्ट इन्हें छह माह से साल तक जमानत नहीं दे रही है जिसका मतलब है कि कुछ गलत है। केजरीवाल जी को इतने सम्मन दिए गए और यदि निर्दोष है तो बेधड़क होकर ईडी के सामने जाएं।
जब सत्ता में नहीं थे तब टविट करते थे कि जांच एजेंसियों के बुलावे पर जाना चाहिए मगर अब स्वयं ही यह नहीं जा रहे हैं और अपनी बात से मुकर रहे हैं।