हरियाणा में फाइलों के निपटाने की दर काफी निराशाजनक बनी हुई है। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि सरकार के मुखिया और अहम विभागों को संभालने वाले सीएम, डिप्टी सीएम और गृहमंत्री इसमें सबसे आगे हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और गृह मंत्री अनिल विज के विभागों में 300 दिनों से अधिक समय से लंबित 7,300 से अधिक फाइलों में से 54 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी है।
एक्सेस किए गए डेटा से पता चला है कि खट्टर और विज के पास मौजूद विभागों में 4 हजार से अधिक फाइलें पेंडिंग हैं। इसके बाद डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला के विभागों में 1,200 से अधिक फाइलें पेंडिंग हैं।
अनिल विज के स्वास्थ्य विभाग में सबसे अधिक 850 फाइलें लंबित हैं। इसके बाद खट्टर के वित्त विभाग में 835 फाइलें लंबित हैं। विज के गृह विभाग में 660 फाइलें लंबित हैं, जबकि उनके चिकित्सा, शिक्षा और अनुसंधान विभाग में 506 फाइलें लंबित हैं।
हरियाणा सरकार के पास कुल 11,200 से अधिक फाइलें लंबित हैं, जिनमें से 7,300 से अधिक कम से कम 300 दिनों की अवधि से लंबित हैं।
आंकड़ों से पता चलता है कि CM मनोहर लाल के पास जिन विभागों की फाइलें लंबित हैं, उनमें टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (512) और सिंचाई (568) शामिल हैं।
इसी तरह चौटाला के पास जो विभाग हैं, उनमें राजस्व और आपदा प्रबंधन (301), लोक निर्माण विभाग (401), नागरिक उड्डयन (121), खाद्य और नागरिक आपूर्ति (160) और उद्योग (232) शामिल हैं। सरकार के पास 11,200 फाइलें लंबित हैं।
मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री खट्टर ने अब प्रशासनिक सचिवों को फाइलों के निपटान के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि मेरे संज्ञान में यह मामला है। लापरवाही के कारण कई फाइलें विभागों में लंबित हैं, जिनमें से कुछ एक वर्ष से अधिक समय से लंबित हैं।
सभी प्रशासनिक सचिवों को लंबित फाइलों की जांच करने के लिए कहा गया है। साथ ही 15 दिनों में पेंडिंग फाइलों को निपटाने की हिदायत दी गई है।