किसानों को कृषि यंत्रों की मदद से धान की फसल अवशेषों का प्रबंधन करने पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा द्वारा 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दी जायेगी।
पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्ट्रा बेलर द्वारा फसल अवशेषों की गांठे बनवाने पर या फसल अवशेष प्रबंधन कृषि यंत्र जैसे कि सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, रिवर्सिबल एमबी प्लो, जिरो टिल सीड ड्रिल मशीन, रोटावेटर, हैरो की मदद से फसल के अवशेषों को मिट्टी में मिलाए जाने पर 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि विभाग द्वारा दी जायेगी।
किसानों से आह्वान किया है कि धान की फसल की कटाई का सीजन नजदीक आ रहा है, किसान इन कृषि यंत्रों के माध्यम से फसल अवशेषों का प्रबंधन करें। इससे न केवल धरती की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है और मित्र कीट व पोषक तत्वों का ह्रास भी नहीं होता है, बल्कि रासायनिक खादों पर होने वाले खर्च में भी कमी आती है।
उन्होंने बताया कि किसान बेलर द्वारा पराली की गांठे बनाकर अपनी आमदनी भी बड़ा सकते है। इच्छुक किसान जो इन कृषि यंत्रों के माध्यम से फसल के अवशेषों का प्रबंधन करने पर सहायता राशि का लाभ लेना चाहते हैं ऐसे किसान विभागीय पोर्टल www.agriharyana.gov.in पर 30 नवंबर 2023 तक अपना ऑनलाइन पंजीकरण करवायें।
किसान का मेरी फसल मेरा-ब्यौरा पोर्टल पर भी पंजीकरण करवाना आवश्यक है। उन्होने यह भी बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा निर्णय लिया गया कि जिले में स्थित गौशालाओं को धान की पराली उठाने के लिये यातायात खर्च की एवज में 500 रुपये प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि भी प्रदान की जायेगी।
एक गौशाला के लिये अधिकतम सहायता राशि 15 हजार रुपये होगी। गौशाला का गौ सेवा आयोग के साथ पंजीकृत होना अनिवार्य है। अधिक जानकारी के लिये किसान उप कृषि निदेशक अथवा सहायक कृषि अभियन्ता, यमुनानगर के कार्यालय में अथवा दूरभाष नम्बर 01732-298096 पर संपर्क कर सकें है।