हरियाणा सरकार ने राज्य के खिलाड़ियों को बड़ा झटका दिया है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की ओर से खिलाड़ियों के लिए ग्रुप-C भर्ती पॉलिसी में फिर बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत आयोग एक साल में जितनी भर्ती करेगा उसके 3% खिलाड़ियों की भर्ती की जाएगी।
इससे पहले एक साल में जितने पद आयोग के द्वारा विज्ञापित किए जाते उनमें 3 प्रतिशत के बराबर पद खिलाड़ियों के लिए आरक्षित किए जाते थे। सरकार के इस बदलाव से सूबे के खिलाड़ियों में काफी निराशा है।
सरकार के इस बदलाव से यदि HSSC साल में एक बार भी नियुक्ति नहीं करता है तो एक भी खिलाड़ी भर्ती नहीं होगा।
उदाहरण के तौर पर यदि साल में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग 36 हजार पद विज्ञापित करता है तो 1200 खिलाड़ी भर्ती होंते। एक सितंबर को जारी पॉलिसी में कहा गया है कि खिलाड़ियों में 3 फीसदी कोटा बनाया गया है।
इस पॉलिसी से पहले जितने भी पदों पर आयोग भर्ती करता था, उनमें खेल आरक्षण के तहत योग्य खिलाड़ियों को चयन का मौका मिल जाता था।
खिलाड़ी अगर संबंधित पात्रता भी रखता है तो भी किसी विभाग में आरक्षण के तहत चयनित हो सकता था। लेकिन अब यह आरक्षण समाप्त हो चुका है, अब सिर्फ सात विभागों में ही खिलाड़ियों का चयन हो सकेगा।
हरियाणा का खेल विभाग मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर खुद देख रहे हैं। इससे पहले यह विभाग पूर्व हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह के पास था, लेकिन उन पर एक जूनियर महिला कोच द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद सीएम ने उनसे यह विभाग वापस ले लिया था।
इन दिनों संदीप सिंह के पास प्रिटिंग एंड स्टेशनरी डिपार्टमेंट है। हालांकि उन पर चंडीगढ़ पुलिस के द्वारा आरोप तय कर दिए गए हैं, अब कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है।