हरियाणा में 25 दिन से चल रहे मानसून के ब्रेक से हालात खराब हो रहे हैं। एक महीने पहले तक प्रदेश में सामान्य से 58 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी।
अब यह आंकड़ा 10 प्रतिशत पर सिमट गया है। मानसून में जिन जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है, उनकी संख्या बढ़ कर 7 हो गई है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अभी लोकल लेवल पर बनने वाले वेदर सिस्टम से कुछ एक स्थानों पर ही छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना है। दिन के तापमान में बढ़ोतरी होगी।
बारिश की कमी और बढ़ते तापमान से धान उत्पादक किसानों की परेशानी बढ़ रही है। फसल में पानी पूरा करने के लिए उनको बिजली या डीजल आधारित ट्यूबवेल चलाने पड़ रहे हैं और इससे फसल की लागत बढ़ रही है।
चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार मानसून टर्फ की अक्षय रेखा अब भी सामान्य स्थिति से उत्तर की तरफ हिमालय की तलहटियों की तरफ है। राज्य में मौसम 29 अगस्त से 2 सितंबर के दौरान परिवर्तनशील रहने की संभावना है।
इस दौरान बीच बीच में आंशिक बादल छाए रहने और पश्चिमी हवाएं चलने की संभावना है। इससे दिन के तापमान में हल्की बढ़ोतरी होने की भी संभावना है।
इस दौरान वातावरण में नमी व तापमान की अधिकता से लोकल वेदर सिस्टम बनने से कुछ एक स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की ही संभावना है।