10 साल पुराने निजी स्कूलों की स्थायी मान्यता रिव्यू की तकनीकी पेचीदगी खत्म हो गई है। इससे निजी स्कूल संचालकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। शनिवार को बड़ी संख्या में स्कूल संचालक कैंट में फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन और नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस के आफिस में एकत्र हुए प्रधान डॉ. कुलभूषण शर्मा का आभार जताया है।
इस दौरान सभी ने एक सुर में कहा कि डॉ. कुलभूषण शर्मा के नेतृत्व में हमारा संघर्ष रंग लाया। सरकार ने रिव्यू मामले में राहत प्रदान कर दी। जिससे हम निजी स्कूल संचालक रिव्यू प्रक्रिया की पेचीदगियों से बच गए हैं।
रिव्यू मामले में फेडरेशन ने किया संघर्ष
शनिवार निसा आफिस में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में प्रधान डॉ. कुलभूषण शर्मा ने बताया कि 10 साल पुराने निजी स्कूलों के स्थायी मान्यता रिव्यू मुद्दें के विरोध में फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन ने जबरदस्त संघर्ष किया है।
इस संबंध में कई पत्र सरकार को लिखे। अधिकारियों से मिल कर उन्हें रिव्यू की पेचीदगियों से अवगत कराया। इसके अलावा फेडरेशन के नेतृत्व में 100 के करीब निजी स्कूल संचालकों ने हाई कोर्ट में रिट दायर की थी। जिस पर कोई ने स्टे दे दिया था।
शिक्षा मंत्री से मिल कर समस्या से कराया अवगत
फेडरेशन के प्रधान डॉ. कुलभूषण शर्मा अपने करीब 200 साथियों के संग जून के अंतिम सप्ताह में शिक्षा मंत्री कंवरपाल से चंडीगढ़ स्थित उनके आवास पर मिले थे। इस दौरान उन्होंने 10 साल स्थाई मान्यता रिव्यू मुद्दे को उनके समक्ष रखा और इसे अव्यवहारिक बताया। प्रतिनिधिमंडल की तरफ से डा कुल•ाूषण शर्मा ने उन्होंने कहा कि सरकार के इस पत्र से हजारों निजी स्कूल संचालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उस दिन शिक्षा मंत्री ने प्रतिनिधि मंडल की बात को पूरी गंभीरता से सुना था और निदेशक शिक्षा को फोन कर इस मामले के संबंध में जारी पत्र को वापस लेने का निर्देश दिया था। अब हरियाणा सरकार ने निजी स्कूल संचालकों को राहत देते हुए पत्र जारी कर इस मामले को करीब खत्म कर दिया है। पत्र जारी होने पर निजी स्कूल संचालकों में हर्ष की लहर दौड़ गई है।