दुनिया में 3 जुलाई का दिन अब तक का सबसे गर्म दिन बन गया है।
अमेरिका के नेशनल सेंटर्स फॉर एनवायर्नमेंटल प्रेडिक्शन के मुताबिक, 3 जुलाई को एवरेज ग्लोबल टेम्परेचर 17 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया, जो अगस्त 2016 में दर्ज किए गए अब तक के सबसे गर्म दिन के तापमान (16.92 डिग्री सेल्सियस) से ज्यादा था।
वैज्ञानिकों ने इसकी वजह अल-नीनो और एटमॉसफियर में बढ़ती कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बताई है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक ह्यूमन एक्टीविटीज भी तापमान बढ़ने की एक बड़ी वजह है। फॉसिल फ्यूल्स के जलने से हर साल 40 अरब टन CO2 पैदा होती है।
इसके साथ ही जून दुनिया में अब तक का सबसे गर्म जून का महीना रहा।
ग्रांथम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट चेंज एंड द एन्वायर्नमेंट के साइंटिस्ट फ्रेड्रिक ऑट्टो ने कहा- हमने कोई ऐसा मील का पत्थर नहीं पार किया है, जिसका जश्न मनाना चाहिए।
ये इको सिस्टम के लिए मौत की सजा जैसा है। उन्होंने बताया कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो जल्द ही ये रिकॉर्ड भी टूट जाएगा।
इस साल की शुरुआत से ही रिसर्चर्स जमीन पर और समुद्र में बढ़ते तापमान को लेकर चिंता जता चुके हैं।
स्पेन और एशिया के कई देशों में स्प्रिंग सीजन में रिकॉर्ड गर्मी के बाद नॉर्थ सी जैसे कई जगहों पर हीटवेव चली। जबकि आमतौर पर यहां गर्मी नहीं पड़ती है।
इस हफ्ते चीन में भी हीटवेव के साथ तापमान रिकॉर्ड 35 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया। सदर्न अमेरिका में भी हीट डोम और हाई टेम्परेचर रिकॉर्ड किया गया।