चंडीगढ़/समृद्धि पराशर: हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन का अध्ययन करने के लिए महाराष्ट्र राज्य सेवा आयोग की ओर से मुख्य आयुक्त बलदेव सिंह की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा का दौरा किया।
हरियाणा आरटीएससी के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने कहा कि हरियाणा आरटीएस आयोग सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली को बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों के लिए मानक स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्य अपनी सेवा वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए हरियाणा मॉडल का अनुसरण करने के इच्छुक हैं।
बैठक के दौरान बताया गया कि ऑटो अपील सिस्टम (एएएस) के माध्यम से 7,56,448 अपीलें की गईं, जिनमें से 7,42,319 (98.1 प्रतिशत) अपीलों का समाधान किया गया है। इस प्रक्रिया में कड़ी कार्रवाई भी की गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा आरटीएस आयोग ने सार्वजनिक सेवा वितरण में खामियों के लिए जून, 2021 से 155 आईएएस और 103 एचसीएस (राज्य सिविल सेवा) अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। इसमें कुछ प्रशासनिक सचिवों को नोटिस भी शामिल है।
टीसी गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर ने हाल ही में ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑटो अपील सिस्टम लाभार्थियों से सीधा संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा किए गए क्रांतिकारी परिवर्तनों ने निश्चित रूप से आम आदमी को न केवल समयबद्ध तरीके से काम करने में राहत दी है, बल्कि सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की परेशानी से भी छुटकारा दिलाया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने परेशानी मुक्त और समयबद्ध तरीके से अधिसूचित सेवाओं को जनसाधारण तक पहुंचाने के लिए व जनता का विश्वास बढ़ाने के लिए सेवा का अधिकार आयोग के अधिकारियों द्वारा किए गए प्रयासों को सराहा है।
गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में 34 विभागों की 395 सेवाओं को ऑटो अपील सिस्टम पर शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि ए.ए.एस. के कार्यान्वयन के कारण, यदि अधिसूचित समय के भीतर सेवा प्रदान नहीं की जाती है तो नागरिक की ओर से प्रथम शिकायत निवारण प्राधिकरण (एफजीआरए) में एक स्वचालित अपील दायर की जाती है। यदि एफजीआरए 30 कार्य दिवसों के भीतर अपील का निपटान नहीं करता है तो अपील स्वचालित रूप से द्वितीय शिकायत निवारण प्राधिकरण (एसजीआरए) के समक्ष पहुंच जाती है।
इसी प्रकार, गुप्ता ने कहा कि यदि अपील का निपटारा 30 कार्य दिवसों के भीतर नहीं किया जाता है तो अपील स्वचालित रूप से सेवा का अधिकार आयोग को भेज दी जाती है। उन्होंने बताया गया कि हरियाणा आरटीएस आयोग सेवा समय पर सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। यदि निर्धारित समयावधि में सेवा उपलब्ध नहीं कराई जाती तो दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाती है।
पहले जागरूकता की कमी के कारण हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग के समक्ष बहुत कम शिकायतें उठाई जाती थीं। लेकिन अब, यदि सेवा समय पर नहीं दी जाती है तो अपील स्वचालित रूप से संबंधित अपीलीय प्राधिकारी को भेज दी जाती है।
महाराष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा आरटीएस आयोग द्वारा अपनाई जा रही मजबूत प्रणाली की सराहना की। मुख्य आयुक्त, महाराष्ट्र आरटीएससी बलदेव सिंह ने कहा कि अन्य राज्यों को हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम मॉडल का अनुकरण करना चाहिए।