चंडीगढ़/समृद्धि पराशर: हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय सोमवार को करनाल के कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयोजित अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस पर बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस दौरान संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नशा संपूर्ण समाज के लिए एक बड़ी समस्या है। नशे के नाश के लिए समाज के हर वर्ग को आगे आकर प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त हरियाणा बनाने के लिए युवाओं को आगे आकर प्रयास करना चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि मादक पदार्थ एवं इनकी तस्करी रोकने के लिए 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस मनाया जाता है। नशे जैसी गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए करनाल में राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन करना अति सराहनीय है। उन्होंने कहा कि हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, जम्मू कश्मीर और कई राज्यों में नशा एक गंभीर समस्या है। नशा न केवल व्यक्ति का जीवन बर्बाद करता है बल्कि परिवार के लिए भी संकट पैदा करता है। हरियाणा ही नहीं बल्कि सारी दुनिया इस समय नशे की समस्या से जूझ रही है। इसी के चलते राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नशीले पदार्थों के निषेध के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
नशे के खिलाफ भारत सरकार कर रही सख्त कार्रवाई
बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि नशे के खिलाफ भारत सरकार सख्त कार्रवाई कर रही है। पिछले दिनों गुजरात में नशे की बड़ी खेप पकड़ी गई थी, जिसकी कीमत करीब 800 करोड़ रुपये थी। उन्होंने कहा कि नशा एक बुरी आदत है। उन्होंने बताया कि आज मेरे करनाल दौरे के दौरान जब नशा मुक्ति केंद्र में ईलाज करवा रहे युवकों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि गलत संगत की वजह से नशे की लत पड़ गई। इसलिए हमें अच्छी संगत में रहना चाहिए, हम जैसे लोगों में रहेंगे, हम वैसे संस्कार सीखेंगे। नशा मुक्ति से न केवल नागरिकों का अच्छा स्वास्थ्य होगा बल्कि देश का भी विकास होगा। नशा एक बुरी आदत है जो व्यक्ति को तन, मन और धन से खोखला कर देता है।
युवा निभाएं महत्वपूर्ण भूमिका
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि युवा नशा मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। युवाओं को औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा भी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि नशे जैसी चुनौती का सामना करने के लिए हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने नशीली दवाओं की मांग में कमी के लिए राज्य कार्य योजना तैयार करने की जिम्मेदारी ली है। इसके साथ-साथ हरियाणा राज्य मादक पदार्थों के सेवन को रोकने के लिए सोसाइटी की स्थापना की है। इस सोसाइटी के लिए 1 करोड़ रुपये का वार्षिक अनुदान भी दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने नशा मुक्त भारत अभियान की शुरूआत की है। इसमें हरियाणा के 10 जिलों को शामिल किया गया था। 15 अगस्त 2022 को 4 और नए जिले इस अभियान में जोड़े गए हैं, जिसमें करनाल जिला भी शामिल है। उन्होंने कहा कि 20 जून 2023 तक प्रदेश में कुल 105 मुक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं। इसके साथ-साथ रेडक्रॉस सोसाइटी, बाल कल्याण परिषद जैसी अनेक संस्थाएं नशे के खिलाफ जागरूकता के कार्य में लगी हुई हैं।
नशा समाज के लिए अभिशाप मंत्री ओमप्रकाश यादव
हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओम प्रकाश यादव ने कहा कि नशा समाज के लिए एक अभिशाप है। ऐसे विषय पर कार्यक्रम का आयोजन करना अति सराहनीय है। आज प्रत्येक व्यक्ति को अपने परिवार पर ध्यान देने की जरुरत है। इसके साथ-साथ जो व्यक्ति नशा नहीं करता है, उसका फर्ज बनता है कि समाज में नशे को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ पुलिस व प्रशासन को गुप्त जानकारी दे। उन्होंने कहा कि जब आम आदमी का योगदान होगा तो नशे जैसी बुराई पर काबू पाया जा सकेगा। ओम प्रकाश यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार नशे पर रोक लगाने के लिए निरंतर योजनाएं बना रही है।